National Doctor's Day: डॉक्टर्स डे के मौके पर जानिए कौन-सी बीमारी के लिए किस डॉक्टर से मिलना चाहिए। जनरल फिजिशियन से लेकर कार्डियोलॉजिस्ट और गाइनेकोलॉजिस्ट तक, जानें स्पेशलिस्ट डॉक्टर के प्रकार।
Types of Specialist Doctors: 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर डे (National Doctor s Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों में डॉक्टर के प्रति समर्पण भाव जगाना और उनकी सेवा के लिए अभिनंदन करना सिखाना है। आज भी हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें किसी खास बीमारी के लिए किस डॉक्टर को चुना जाए? इसकी जानकारी नहीं है। ज्यादातर लोगों के मन में ये उलझन रहती है कि अगर कोई बीमारी हो जाए तो हमें फिजिशियन से मिलना चाहिए या फिर किसी खास स्पेशलिस्ट से? नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर हम आपको ऐसे डॉक्टर की लिस्ट के बारे में बताएंगे जो किसी खास बीमारी के स्पेशलिस्ट होते हैं। आईए जानते हैं डॉक्टर के विभिन्न प्रकारों के बारे में।
जनरल फिजिशियन (General Physician)
अगर आपको बदन दर्द, सर्दी जुकाम, बुखार या फिर कोई सामान्य बीमारी है तो आपको किसी स्पेशलिस्ट के पास जाने के बजाय जनरल फिजिशियन से मिलना चाहिए। अगर आपकी कोई बीमारी किसी खास अंग से संबंधित है तो जनरल फिजिशियन आपको स्पेशलिस्ट के पास रेफर कर सकते हैं।
ईएनटी स्पेशलिस्ट (ENT Specialist)
ईएनटी स्पेशलिस्ट का मतलब कान, नाक और गले के डॉक्टर से है। अगर आपको कान में दर्द है या फिर टॉन्सिल की समस्या है या फिर नाक में खून आ रहा है तो आप ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क कर सकते हैं।
ऑर्थोपेडिक सर्जन (Orthopaedic Surgeon)
अगर कभी हड्डी टूट जाती है या फिर हड्डियों में दर्द की समस्या होती है तो ऐसे में आपको जनरल फिजिशियन के पास जाने के बजाय हड्डियों के डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बुजुर्गों में अर्थराइटिस की समस्या भी ऑर्थोपेडिक सर्जन या डॉक्टर ही देखते हैं।
मानसिक रोग के लिए साइकाइट्रिस्ट (Psychiatrist For Mental Health Issues)
डिप्रेशन, एंग्जायटी या फिर स्ट्रेस में रहते हैं तो आपको तुरंत साइकाइट्रिस्ट से मिलना चाहिए। साइकाइट्रिस्ट मानसिक बीमारियों का इलाज करते हैं और काउंसलिंग के साथ थेरेपी देते हैं जिससे कि व्यक्ति को डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है।
हार्ट की बीमारी के लिए कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist)
छाती में कभी-कभी दर्द आना, धड़कन असमान्य होना आदि लक्षण दिखने पर कार्डियोलॉजिस्ट से मिल सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सांस फूलना या छाती में दर्द आना आदि दिल की बीमारी के ही संकेत हो। आप चाहे तो एक बार फिजिशियन से मिलकर इस बारे में जानकारी ले सकते हैं।
पीडियाट्रिशन (Pediatrician For Child Disease)
अगर बच्चे को किसी प्रकार की बीमारी होती है तो आपको फिजिशियन को दिखाने के बजाय बच्चों के डॉक्टर यानी कि पीडियाट्रिशन से मिलना चाहिए। 14 साल तक के बच्चों को बुखार, खांसी, टीकाकरण या फिर डेवलपमेंट संबंधी समस्याओं को दिखाने के लिए पीडियाट्रिशन से सलाह लें।
महिलाओं की हेल्थ के लिए गाइनोकोलॉजिस्ट (Gynecologist For Women)
प्रेग्नेंसी से लेकर हार्मोन असंतुलन तक की बीमारियों को जनरल फिजिशियन के बजाय गाइनेकोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (Gastroenterologist For Stomach Issues)
अगर आपको पेट में दर्द, किडनी, लिवर आदि में समस्या होती है तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर इलाज करा सकते हैं।