सार

Mental health tips: आज के दौर में हर कोई अपनी मेंटल हेल्थ को लेकर परेशान है। चिंता, डिप्रेशन, एंजाइटी के वो शिकार हो रहे हैं। लेकिन हम छोटी-छोटी चीजों को करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रख सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

 

Mental health tips:अक्सर आपने हमने सुना होगा कि सच्ची खुशी छोटी-छोटी चीजों में मिलती है। यह बात वाकई सच है। हालांकि कई बार हम इमोशनल रूप से ज्यादा परेशान हो जाते हैं और इसे संभालना मुश्किल भरा हो जाता है। इस दौरान बहुत सारी भावनाओं को हम एक साथ महसूस करते हैं, जिससे उलझन, चिंता या फिर फोकस करने में समस्या हो सकती है। यह इमोशनल इनबैलेंस जीवन में बड़े बदलावों, तनाव या फिर छोटी-छोटी समस्याओं के लगातार इकट्ठा होने की वजह से हो सकता है। इसलिए, इन भावनाओं को पहचानना और सही तरीकों से संभालना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि किन आसान तरीकों से आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और छोटी-छोटी खुशियों का आनंद ले सकते हैं।

1. अपनी भावनाओं को स्वीकार करें

सबसे पहले, यह पहचानें कि आप क्या महसूस कर रहे हैं और उसे एक नाम दें, जैसे गुस्सा, दुख, चिंता या निराशा। ऐसा करने से आप अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और उनकी फ्रीक्वेंसी को कंट्रोल कर सकेंगे। जब आप अपनी भावनाओं को एक नाम देते हैं तो उसे उसी नजरिए से देख सकते हैं।

2. माइंडफुल ब्रीदिंग

माइंडफुल ब्रीदिंग आपको वर्तमान क्षण में केंद्रित रहने में मदद करती है। जब आप भावनात्मक रूप से परेशान महसूस करें, तो अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। नाक से गहरी सांस लें, कुछ सेकंड के लिए रोकें और फिर धीरे-धीरे मुंह से छोड़ें। यह प्रक्रिया आपके नर्वस सिस्टम को शांत करती है और आपके मन एवं शरीर को रिलैक्स करने में मदद करती है।

3. फिजिकल एक्टिविटी करें

फिजिकल एक्टिविटी तनाव और दबाव को कम करने का एक बेहतरीन तरीका है। दौड़ना, योग करना या तेज़ चलना भी आपके मन को शांत कर सकता है और भावनात्मक स्थिरता लाने में मदद कर सकता है। व्यायाम के दौरान शरीर में एंडॉर्फिन हार्मोन रिलीज़ होता है, जिसे ‘फील गुड’ हार्मोन भी कहा जाता है। यह आपके मूड को बेहतर बनाता है और निगेटिव इमोशन को दूर करने में हेल्प करता है।

4. डायरी लिखें

अपने विचारों और भावनाओं को लिखना एक प्रभावी तरीका है जिससे आप अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। जब आप लिखते हैं, तो आपको अपनी भावनाओं को समझने और उन्हें प्रबंधित करने का मौका मिलता है। यह न केवल आपको राहत देता है, बल्कि यह यह भी बताता है कि आपकी भावनाओं को कौन से कारक ट्रिगर करते हैं और आप उन पर कैसे रिएक्शन देते हैं।

5. सामाजिक सहयोग लें

जब आप तनावग्रस्त महसूस करें, तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें, चाहे वह आपका दोस्त हो, परिवार का सदस्य हो या कोई थेरेपिस्ट। अपने दिल की बात किसी के साथ साझा करने से न केवल आपको भावनात्मक सहयोग मिलता है, बल्कि आपको नया नजरिया और समाधान भी मिल सकता है।

6. प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन (PMR) आजमाएं

PMR तकनीक में शरीर के प्रत्येक अंग की मांसपेशियों को पहले टाइट किया जाता है और फिर धीरे-धीरे रिलैक्स किया जाता है। इसे पैर की उंगलियों से शुरू करके सिर तक किया जाता है। यह तकनीक शरीर के तनाव को कम करने में मदद करती है, जो अक्सर मानसिक तनाव से जुड़ा होता है।