दक्षिण भारत की ठंडी ताम्बली, गर्मी से राहत दिलाने का बेहतरीन उपाय। जानिए बनाने की विधि और इसके फायदे।

ताम्बली (Tambli), दक्षिण भारत की एक पारंपरिक और बेहद ठंडी और पाचन में सहायक रेसिपी है, जो खासतौर पर गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए बनाई जाती है। इसे कर्नाटक और केरल में मुख्य रूप से खाया जाता है और यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होती है। बता दें कि ताम्बली एक पतली, ठंडी और दही आधारित करी होती है, जिसे पकी हुई नहीं बल्कि ताजे मसालों और दही से तुरंत बनाया जाता है। यह शरीर में पित्त और गर्मी को शांत करने का काम करती है।

ताम्बली बनाने की सामग्री (Ingredients):

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सामग्री मात्रा

  • ताज़ा दही (फेटा हुआ) 1 कप
  • ताजा नारियल (कद्दूकस किया हुआ) 1/4 कप
  • जीरा 1/2 छोटा चम्मच
  • काली मिर्च 4-5 दाने
  • हरी मिर्च 1 (वैकल्पिक)
  • करी पत्ता 5-6 पत्ते
  • घी 1 छोटा चम्मच
  • राई 1/2 छोटा चम्मच
  • हींग एक चुटकी
  • नमक स्वादानुसार
  • पानी 1/4 कप या आवश्यकतानुसार

आप इसमें तुलसी, ब्रह्मी, धनिया पत्ते या मेथी पत्ते जैसी हर्ब्स भी प्रयोग कर सकते हैं।

विधि (How to Make Tambli):

स्टेप 1: मसाले पीसें

  • मिक्सी में नारियल, जीरा, काली मिर्च, और हरी मिर्च को थोड़ा पानी डालकर बारीक पीस लें।

स्टेप 2: दही मिलाएं

  • अब इस पेस्ट में फेंटा हुआ दही और थोड़ा पानी मिलाएं। अच्छी तरह फेंट लें ताकि गांठें न रहें।

स्टेप 3: तड़का लगाएं

  • एक छोटे पैन में घी गरम करें, उसमें राई, हींग और करी पत्ता डालें।
  • यह तड़का ताम्बली में डालें और हल्के हाथ से मिलाएं।

स्टेप 4: ठंडा परोसें

ताम्बली तैयार है। इसे चावल के साथ ठंडा परोसें।

ताम्बली खाने के फायदे (Health Benefits of Tambli):

  • शरीर की गर्मी शांत करता है – दही और मसाले मिलकर शरीर को ठंडक देते हैं।
  • पाचन में सहायक – जीरा और काली मिर्च पेट को शांत रखते हैं और अपच दूर करते हैं।
  • इम्यूनिटी बूस्टर – इसमें इस्तेमाल होने वाले हर्ब्स और दही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  • कम कैलोरी और हाई प्रोटीन – वजन घटाने वालों के लिए बेहतरीन।
  • आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर – मेंथी, तुलसी, ब्रह्मी जैसी सामग्री मिलाने से यह औषधीय बन जाती है।

स्पेशल टिप्स (Special Tips):

  • ताम्बली को कभी भी गर्म न करें – ये कच्चे रूप में ही फायदेमंद होती है।
  • इसे बनाने के बाद तुरंत खाएं, लंबे समय तक रखने पर स्वाद बदल सकता है।
  • बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए इसमें हरी मिर्च न डालें।
  • इसमें केला स्टेम, ब्रह्मी पत्ते, ककड़ी जैसे वैकल्पिक हर्ब्स भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

कब और कैसे खाएं?

  • दोपहर के खाने में चावल के साथ ठंडी ताम्बली सर्व करें।
  • यह गर्मियों में भूख न लगने, शरीर गर्म रहने और एसिडिटी जैसी समस्याओं में रामबाण है।