सोना-चांदी की बढ़ती कीमतों के बीच एक्सपर्ट्स ने बड़ी चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने की कीमतों में जारी उछाल कहीं न कहीं वैश्विक स्तर पर एक रेट अलर्ट की तरह है। रिटेल इन्वेस्टर्स को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है।
Gold Price Alert: पिछले कुछ महीनों में सोना-चांदी की कीमतों में तूफानी तेजी देखने को मिली। गोल्ड ने जहां 1,29,584 रुपए प्रति 10 ग्राम का हाइएस्ट लेवल बनाया तो वहीं चांदी भी 1,78,100 रुपए प्रति किलो के उच्चतम स्तर तक पहुंची। हालांकि, अब पिछले कुछ दिनों से दोनों ही धातुओं की कीमत में नरमी देखने को मिल रही है। सोना जहां 1,24,000 तक आ गया है, तो चांदी भी 1,50,000 के स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही एक्सपर्ट्स ने इनकी कीमतों को लेकर वॉर्निंग दी है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने-चांदी की अधाधुंध बढ़ती कीमतों की वजह से रिटेल इन्वेस्टर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है। इस चेतावनी के बाद से ही सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना जहां 9,000 रुपए सस्ता हो चुका है, वहीं चांदी के भाव भी 22000 रुपए तक नीचे आ गए हैं। एशियन मार्केट के साथ ही ग्लोबल लेवल पर सोना-चांदी के दाम में गिरावट देखी जा रही है। ग्लोबल लेवल पर हाजिर सोना 0.53% की गिरावट के साथ 4102.09 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, वहीं चांदी भी हाजिर चांदी 48.82 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही है।
एक्सपर्ट ने क्या दी चेतवानी?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों द्वारा सोने की खरीद में ऐतिहासिक उछाल एक तरह से ग्लोबल रेड अलर्ट है। सोने की कीमतें अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हैं, जो तेजी के कहीं ज्यादा एक चेतावनी का संकेत दे रही हैं। ये तेजी 2008 की महामंदी और कोविड-19 महामारी के दौरान उपजे संकटों की याद दिला रही है। जियोपॉलिटिकल टेंशन, ब्याज दरों में कटौती और नए टैरिफ के लिए ट्रंप के प्रेशर से सोने की कीमतों को बढ़ावा मिला है।
सेंट्रल बैंक क्यों बड़ी मात्रा में खरीद रहे सोना?
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ज्यादा से ज्यादा सोना खरीदकर डॉलर पर अपनी निर्भरता को घटाना चाहते हैं। साथ ही दुनियाभर में अमेरिकी डॉलर की मोनोपॅली (एकाधिकार) को खत्म करना चाहते हैं। बता दें कि पिछले एक साल में भारत ने अपने स्वर्ण भंडार को 9.6% से बढ़कर 13.1% कर लिया है। वहीं रूस ने इसे 29.5% से बढ़ाकर 35.8% किया है।
RBI के पास अभी कितने किलो सोना?
वित्त वर्ष 2025-26 के शुरुआती 6 महीनों यानी अप्रैल से लेकर सितंबर के बीच स्वर्ण भंडार 880.18 मीट्रिक टन यानी 8,80,180 किलोग्राम से ज्यादा हो चुका है। 2024-25 के अंत तक यह 879.58 मीट्रिक टन था। 2025 में अप्रैल से सितंबर के बीच आरबीआई ने अपने स्वर्णभंडार में 600 किलो सोना जोड़ा। वित्त वर्ष 2024-25 में रिजर्व बैंक ने 54.13 मीट्रिक टन सोना जोड़ा था।
