Bajaj Finance Share Price: बजाज फाइनेंस ने अपने निवेशकों को बड़ा गिफ्ट दिया है। कंपनी ने 4:1 बोनस और 1:2 स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है, जिसके बाद शेयरों में हलचल देखी जा रही है। इस फैसले के बाद 100 शेयर 1000 हो जाएंगे।
Bajaj Finance Big Update : सोचिए, आज आपके पास बजाज फाइनेंस के सिर्फ 100 शेयर हैं लेकिन 27 जून के बाद वही 100 शेयर बढ़कर पूरे 1000 हो जाएंगे! ये कमाल हुआ है कंपनी के बोनस और स्टॉक स्प्लिट के दो धांसू फैसलों से, जिसका असर कंपनी के शेयरों पर भी देखने को मिल रहा है। सोमवार, 16 जून को बाजार खुलते ही बजाज फाइनेंस के शेयर तेजी के साथ खुले और सुबह 9.30 बजे तक 939.50 रुपए पर कारोबार कर रहा। आइए जानते हैं कंपनी ने क्या ऐलान किया है और इसका फायदा आपको कैसे होगा?
बजाजा फाइनेंस में क्या ऐलान हुआ?
देश की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग कंपनियों (NBFC) में गिनी जाने वाली बजाज फाइनेंस ने हाल ही में दो बड़े एलान किए। पहला 4:1 बोनस शेयर देने का मतलब हर 1 शेयर पर मिलेंगे 4 एक्स्ट्रा फ्री शेयर। दूसरा 1:2 स्टॉक स्प्लिट यानी 1 शेयर टूटकर 2 शेयर बन जाएगा।
किसे होगा फायदा
बजाज फाइनेंस के इन फैसलों का फायदा उन्हीं निवेशकों को मिलेगा, जिन्होंने 13 जून 2025 तक बजाज फाइनेंस के शेयर खरीदे थे और उनके नाम पर शेयर 16 जून की रिकॉर्ड डेट तक डीमैट में मौजूद हैं। अगर आपने इसके बाद खरीदा, तो आपको ये बोनस या स्प्लिट का फायदा नहीं मिलेगा।
कैसे बढ़ जाएंगे आपके शेयर?
मान लीजिए, आपके पास बजाजा फाइनेंस के 100 शेयर हैं। हर 1 शेयर पर 4 बोनस मतलब 400 बोनस और 100 शेयर पहले से आपके पास हैं। इस तरह टोटल 500 शेयर हो जाएंगे। अब स्टॉक स्प्लिट की बात करें तो हर 1 शेयर बनेगा 2 शेयर मतलब 500 × 2 यानी 1,000 शेयर। 27 जून के बाद, जब आप अपने डीमैट लॉगइन करेंगे तो आपके 100 शेयर 1,000 में बदल चुके होंगे!
वैल्यू नहीं सिर्फ शेयरों की संख्या बढ़ेगी
सभी निवेशकों के लिए सबसे जरूरी बात ये है कि आपके शेयर की गिनती जरूर बढ़ेगी, लेकिन निवेश की कुल वैल्यू वही रहेगी जो पहले थी। क्योंकि जैसे ही शेयर बढ़ते हैं, वैसे ही शेयर की कीमत प्रपोर्शनली घटती है। मतलब अगर शेयर 7,000 रुपए का था और 10 गुना शेयर मिल गए, तो अब एक शेयर की कीमत करीब 700 रुपए रह जाएगी मतलब कुल वैल्यू वही।
इससे फिर क्या फायदा होगा?
- शेयर ज्यादा हो जाने से लिक्विडिटी बढ़ती है।
- ट्रेडर्स के लिए खरीद-बिक्री करना आसान होता है।
- कंपनी में भरोसा बढ़ता है और लॉन्ग टर्म में स्टॉक को मजबूती मिलती है।