आज (13 जुलाई, बुधवार) आषाढ़ मास की पूर्णिमा है। इस दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। बुधवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इंद्र, हंस और बुधादित्य नाम के 3 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
आज (12 जुलाई, मंगलवार) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। मंगलवार को मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं।
अंक ज्योतिष में जन्म तारीख से मूलांक और भाग्यांक के बारे में आसानी से जाना जा सकता है। भाग्यांक का अर्थ है वह नंबर जिससे आपका भाग्य आपका साथ दे अर्थात भाग्य को खोल देने वाला अंक। प्रत्येक 1 से लेकर 9 तक के अंक किसी न किसी ग्रह से जुड़े होते हैं जिससे भविष्यवाणी करने मे सहायता मिलती है।
अंक शास्त्र का प्रयोग मिस्र में आज से तक़रीबन 10,000 वर्ष पूर्व से किया जाता आ रहा है। मिस्र के मशहूर गणितज्ञ पाइथागोरस ने सबसे पहले अंको के महत्व के बारे में दुनिया को बताया था। भारत में प्रचीन ग्रंथ स्वरोदम शास्त्र के ज़रिये अंक शास्त्र के विशेष उपयोग के बारे में बताया गया है।
आज (11 जुलाई, सोमवार) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन सूर्योदय अनुराधा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 8 बजे तक रहेगा, इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। इस दिन कई प्रमुख व्रत-त्योहार भी मनाए जाएंगे।
सभी लोगों के जीवन में प्यार की खास अहमियत होती है। अगर वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंध ठीक रहे तो शेष परेशानियों से आसानी से निपटा जा सकता है लेकिन वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंधों में किसी तरह की परेशानी हो तो व्यक्ति का दिमाग उसी ओर लगा रहता है।
जुलाई का दूसरा सप्ताह 11 से 17 जुलाई तक रहेगा। इस सप्ताह कई प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे, वहीं कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन भी करेंगे। इस सप्ताह के पहले दिन यानी 11 जुलाई, सोमवार को सोम प्रदोष का योग बन रहा है।
आज (10 जुलाई, रविवार) आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय विशाखा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 09.55 तक रहेगा, इसके बाद अनुराधा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
अंक ज्योतिष भी एक तरह से ज्योतिष शास्त्र की तरह व्यक्ति के भविष्य के बारे में गणना करता है। अंक ज्योतिष में मूलांक में मुख्य रूप से अंकों का प्रयोग तीन तरीके से किया जाता है- मूलांक, भाग्यांक और नामांक।
न्यूमरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष एक पुरानी विधा है। इसमें जन्म तारीख के अनुसार किसी भी व्यक्ति के भूत-भविष्य-वर्तमान के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। हालांकि ये विधा विदेशी है, लेकिन भारत में इसे मानने वाले काफी लोग है।