साल 2022 का आठवां दूसरा सप्ताह 8 से 14 अगस्त तक रहेगा। इस सप्ताह में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे, वहीं ग्रह-नक्षत्रों की चाल में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। सप्ताह के पहले ही दिन 8 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार रहेगा।
अंक ज्योतिष में जन्मतिथि के अंकों की गणना से एक ऐसा अंक निकालते है जिसे भाग्यांक कहा जाता है। इस भाग्यांक से भविष्य में आने वाली अच्छी व बुरी परिस्थियों का पता चल जाता है और इस अंक का प्रयोग करके आप अपने भाग्य को जगा सकते हैं।
7 अगस्त को श्रावण शुक्ल दशमी तिथि है। रविवार को पहले अनुराधा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बनेंगे। इनके अलावा इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।
आज (7 अगस्त, रविवार) श्रावण शुक्ल दशमी तिथि है। रविवार को पहले अनुराधा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बनेंगे। इनके अलावा इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।
न्यूमरोलॉजी में भविष्य आंकलन के लिए मूलांक, भाग्यांक और नामांक पर विचार किया जाता है। जन्म तिथि, माह और साल का योग भाग्यांक होता है जैसे 02 मार्च 1982 का भाग्यांक 0+2+3+1+9+8+2 =25=7 अत: इस प्रकार भाग्यांक 7 प्राप्त होता है।
6 अगस्त, शनिवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रहेगी। शनिवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से शुभ और उसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा इस दिन शुक्ल और ब्रह्म नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
अंक ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी के अनुसार, का प्रयोग विशेष रूप से अंकों के माध्यम से व्यक्ति के भविष्य की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। अंक ज्योतिष में की जाने वाली गणना ज्योतिष शास्त्र में अंकित नव ग्रहों के साथ मिलाप करके की जाती है।
अंक शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को एक-एक कर जोड़ने से जो अंक प्राप्त होता है वो उस व्यक्ति का मूलांक कहलाता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति की जन्म तिथि 28 है तो 2+8 =10, 1 +0 =1, तो व्यक्ति का मूलांक 1 होगा।
4 अगस्त को श्रावण शुक्ल सप्तमी तिथि रहेगी। गुरुवार को पहले चित्रा नक्षत्र होने से चर और उसके बाद स्वाती नक्षत्र होने से स्थिर नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। साथ ही साध्य और शुभ नाम के योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 02:10 से 03:48 तक रहेगा।
प्राचीन काल में अंक शास्त्र की जानकारी खासतौर से भारतीय, ग्रीक, मिस्र, हिब्रु और चीनियों को थी। भारत में प्रचीन ग्रंथ स्वरोदम शास्त्र के ज़रिये अंक शास्त्र के विशेष उपयोग के बारे में बताया गया है। अंक शास्त्र को ही न्यूमरोलॉजी भी कहा जाता है।