Amitabh Budholiya

बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
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क्या वाकई हर साल 2.60 इंच धंस रहा जोशीमठ, कुछ अफवाहें भी फैलाई जा रहीं, पढ़िए वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं?

Jan 12 2023, 08:46 AM IST

जोशीमठ(Joshimath). जोशीमठ पर मंडराता प्रलय का खतरा कम होने के बावजूद लोगों द्वारा फैलाई जा रहीं अब अफवाहों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चिंता जाहिर की है। इस बीच आईआईटी कानपुर के भू वैज्ञानिक(geologist) प्रो. राजीव सिन्हा ने एक नया खुलासा किया है। 2021 में चमोली में आई आपदा के बाद उत्तराखंड क्षेत्र में ड्रोन सर्वे कर चुके प्रो. सिन्हा ने  आगाह किया कि चूंकि जोशीमठ भूस्खलन के मलबे पर बसा है, जो भूर्गभ में पानी का सतह पर दबाव बनने पर धीरे-धीरे खिसक रहा है। जोशीमठ भूस्खलन और भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्र में है, इसका कारण यहां आने वाले हल्के भूकंप हैं। वहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने करीब दो साल की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद सरकार को एक रिपोर्ट दी है। इसके अनुसार, जोशीमठ हर साल 6.62 सेंटीमीटर यानी करीब 2.60 इंच धंस रहा है। आईआईआरएस देहरादून के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2020 से मार्च 2022 के बीच जोशीमठ और आसपास के करीब 6 किलोमीटर क्षेत्र की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया। इधर, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा-हमने अस्थाई तौर पर अपने जवानों को स्थानांतरित किया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम औली में अपने जवानों को स्थाई तौर पर तैनात करेंगे। जोशीमठ से माणा जाने वाली रोड पर कुछ दरारें हैं, जिसे BRO ठीक कर रहा है। इससे हमारी ऑपरेशनल रेडीनेस पर कुछ असर नहीं पड़ा है। जहां तक स्थानीय लोगों को मदद पहुंचाने की बात है तो हमने अपने अस्पताल, हेलीपैड आदि सिविल प्रशासन को दिए हैं, जिससे वे लोगों को अस्थाई तौर पर लोगों को स्थानांतरित कर सकें। पढ़िए पूरी डिटेल्स...