Aaj Ka Panchang: 8 सितंबर, शुक्रवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से मानस और इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से पद्म नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सिद्धि और व्यातिपात नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे। राहुकाल सुबह 10:52 से दोपहर 12:24 तक रहेगा।
7 सितंबर, गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र सुबह 10.25 तक रहेगा, इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से उत्पात और इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से मृत्यु नाम का अशुभ योग बनेगा।
6 सितंबर, बुधवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने से सिद्धि और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से शुभ नाम के योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, हर्षण और वज्र नाम के 3 अन्य योग भी बनेंगे। राहुकाल दोपहर 12:25 से 01:58 तक रहेगा।
5 सितंबर, मंगलवार को पहले भरणी नक्षत्र होने से मूसल और इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र होने से गद नाम के योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, त्रिपुष्कर, व्याघात और हर्षण नाम के 4 अन्य योग भी बनेंगे। राहुकाल दोपहर 03:31 से 05:04 तक रहेगा।
4 सितंबर, सोमवार को पहले अश्विनी नक्षत्र होने से राक्षस और इसके बाद भरणी नक्षत्र होने से चर नाम के योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन ध्रुव और व्याघात नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे। राहुकाल सुबह 07:46 से 09:19 तक रहेगा।
3 सितंबर, रविवार को पहले रेवती नक्षत्र होने से वर्धमान और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन वृद्धि और ध्रुव नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बनेंगे। राहुकाल शाम 05:06 से 06:39 तक रहेगा।
2 सितंबर, शनिवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से धूम्र और इसके बाद रेवती नक्षत्र होने से धाता नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन शूल और गण्ड नाम के 2 अशुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:19 से 10:53 तक रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 1 सितंबर, शुक्रवार को पहले पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग और इसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से ध्वजा नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
31 अगस्त, गुरुवार को शतभिषा नक्षत्र शाम 05.45 तक रहेगी, इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से वज्र और इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से मुग्दर नाम के अशुभ योग बनेंगे।
30 अगस्त बुधवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात 08.45 तक रहेगा, इसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। बुधवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से मित्र और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से मानस का शुभ योग बनेगा।