28 सितंबर, गुरुवार को पहले पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से मुद्गर नाम का अशुभ योग और इसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग रहेगा। इनके अलावा इस दिन गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
27 सितंबर, बुधवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से मित्र और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:17 से 01:47 तक रहेगा।
26 सितंबर मंगलवार को पहले श्रवण नक्षत्र होने से लुंबक और इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से उत्पात नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, द्विपुष्कर, सुकर्मा और धृति नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे।
25 सितंबर, सोमवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और इसके बाद उत्तरषाढ़ा नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अतिगण्ड और सुकर्मा नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे।
24 सितंबर, सोमवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से शुभ और इसके बाद उत्तरषाढ़ा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, शोभन और अतिगण्ड नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 04:48 से 06:18 तक रहेगा।
23 सितंबर, शनिवार को पहले मूल नक्षत्र होने से चर और इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:19 से 10:49 तक रहेगा।
22 सितंबर, शुक्रवार को पहले ज्येष्ठा नक्षत्र होने से चर और इसके बाद मूल नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:49 से दोपहर 12:19 तक रहेगा।
21 सितंबर, गुरुवार को पहले अनुराधा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, प्रीति और आयुष्मान नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे।
20 सितंबर, बुधवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से प्रजापति और इसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, विषकुंभ और प्रीति नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे।
19 सितंबर मंगलवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन स्वाति नक्षत्र होने से ध्वजा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग रहेंगे। इनके अलावा इस दिन वैधृति और विषकुंभ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।