भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 से जुड़ा ताजा वीडियो शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि प्रज्ञान रोवर ने कैसे चांद की सतह पर सल्फर की खोज की है।
इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की ताजी तस्वीर जारी की है। विक्रम लैंडर की इस तस्वीर को प्रज्ञान रोवर के नेविगेशन कैमरा से लिया गया है।
Chandrayaan 3: भारत के चंद्रयान-3 को चांद के साउथ पोल पर सल्फर मिला है। इसके अलावा चंद्रमा की सतह पर और भी कई तत्व पाए गए हैं, जिनमें एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम आदि शामिल हैं। आखिर इसका क्या फायदा होगा, जानते हैं।
इसरो ने सोमवार दोपहर ट्वीट कर कहा कि रोवर ने किनारे से तीन मीटर की दूरी पर गड्ढा देखा है और उसे सुरक्षित रास्ते पर भेज दिया गया है।
Chandrayaan 3 Vikram Lander first observation: चंद्रयान-3 मिशन अपने रिसर्च में लग चुका है। विक्रम लैंडर ने चांद पर घूमकर डेटा भेजना शुरू कर दिया है। विक्रम की सबसे पहली फाइंडिंग, चांद के तापमान को लेकर है। डेटा हैरान करने वाला है।
इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचे प्रज्ञान रोवर से जुड़ी एक नई खुशखबरी शेयर की है। इसरो के मुताबिक, चंद्रमा की धरती पर प्रज्ञान रोवर ने 8 मीटर की दूरी तय कर ली है।
इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover) के बाहर आने का वीडियो शेयर किया। इसमें रोवर को लैंडर से चंद्रमा की सतह पर उतरते देखा जा सकता है।
चंद्रयान-3 ने जैसे ही चांद के साउथ पोल पर कदम रखा, इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। चंद्रयान मिशन की सफलता से शेयर बाजार भी उत्साहित है। स्पेस सेक्टर से जुड़ी कई कंपनियों के शेयर निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दे सकता है।
23 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, अब एक नया चरण शुरू हो गया है। इसमें विक्रम लैंडर के भीतर मौजूद रोवर ने अपनी खोज शुरू कर दी है। हर किसी के मन में अब ये सवाल है कि क्या खोज के बाद चंद्रयान धरती पर लौट आएगा?
भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन चुका है। ISRO प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चंद्रयान-3 के सबसे मुश्किल दौर को बताया।