Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में 4 ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिनसे कभी इंसान का मन नहीं भरता। ये जितनी भी मिले कम ही लगती है। इंसान इनके पीछे पागलों की तरह भागता है।
Relationship Advice from Chanakya:पति-पत्नी का रिश्ता हो या फिर कोई और रिश्ता, प्यार के साथ-साथ लड़ाई हो ही जाती है। लेकिन कई बार हम इसे हम इगो पर ले लेते हैं। तो चलिए जानते हैं कि कैसे लड़ाई के बाद रिश्ते में सुधार कर सकते हैं।
Chanakya Niti on Unsatisfied Wife:चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में महिलाओं और विवाह के बारे में कई विषयों को विस्तार से बताया है।
Chanakya Niti Relationship tips: हम अक्सर उन लोगों की तरफ खिंचते हैं जो हमें अपनाने के लिए तैयार नहीं होते हैं। हम उसे पसंद करते हैं जो हमें चाहता नहीं हैं। आइए जानते हैं चाणक्य नीति में इसके बारे में क्या कहा गया है।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में ऐसी 5 जगहों के बारे में बताया है जहां रहने वाले लोग कभी अमीर नहीं बनते। वे अपना पूरा जीवन गरीबी में ही गुजार देते हैं। अगर आप भी ऐसी जगह पर रहते हैं तो तुरंत छोड़ दें।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के विद्वानों में से एक थे। उनका नाम आज भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है। उन्होंने ही अखंड भारत की नींव रखी और चंद्रगुप्त मौर्य जैसे साधारण युवक को भारत का सम्राट बनाया। उनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं।
Chanakya Niti: हर व्यक्ति चाहता है कि बुढ़ापे में उसे किसी तरह की कोई परेशानी न हो। इसके लिए वह जवानी में ही कई प्रयास करता है। वह पैसे बचाता है और सेहत का भी खास ध्यान रखता है। यही खास बातें उसे बुढ़ापे में कई परेशानियों से बचाती है।
आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने स्वयं भले ही कोई युद्ध न किया हो, लेकिन सम्राट चंद्रगुप्त के युद्ध के दौरान लिए गए लगभग सभी निर्णय उनके ही होते थे। यही कारण है कि चंद्रगुप्त ने कभी कोई युद्ध हारा नहीं।
आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) हमारे देश के महान विद्वान थे। उन्होंने ही जनपदों में बंटे भारत देश को एक सूत्र में पिरोया और अखंड भारत का सपना साकार किया। यही कारण है उनका नाम आज भी आदर सहित लिया जाता है।
आज के समय में आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं। ये भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उन्होंने अपने बुद्धि बल का उपयोग कर मगध के राजा धनानंद के शासन का अंत कर दिया और उनके स्थान पर चंद्रगुप्त मौर्य नामक एक साधारण युवक को राजा बनाया।