क्रिसमस संबोधन में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पुतिन का नाम लिए बिना उनकी मौत की दुआ की। रूस के मिसाइल-ड्रोन हमलों की निंदा करते हुए जेलेंस्की ने शांति की मांग की और युद्ध खत्म करने के लिए डीमिलिटराइज्ड जोन का प्रस्ताव रखा।
नई दिल्ली। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के दिल में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए कितना जहर है, इसकी बानगी तब देखने को मिली जब क्रिसमस की शाम उन्होंने यूक्रेन की जनता को संबोधित किया। जेलेंस्की ने पुतिन का नाम लिए बिना उनकी मौत की दुआ की। जेलेंस्की ने अपने देश के लोगों को अड्रेस करते हुए एक प्राचीन यूक्रेनी लोक मान्यता का जिक्र किया।
पुतिन का नाम लिए बिना की मौत की कामना
जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन की जनता प्राचीन काल से मानती आई है कि क्रिसमस की रात स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं और अगर उस वक्त आप अपनी कोई ख्वाहिश जाहिर करते हैं तो वो जरूर पूरी होती है। जेलेंस्की ने पुतिन का नाम लिए बिना कहा, आज हम सभी एक ही सपना देखते हैं और हम सभी की एक ही ख्वाहिश है कि वह खत्म हो जाए। जैसा कि हर यूक्रेनी प्रेयर कर रहा है।
जेलेंस्की ने यूक्रेन के लिए मांगी शांति
इसके बाद जेलेंस्की ने यूक्रेन में शांति के बारे में बात करते हुए कहा, "लेकिन जब हम भगवान की ओर देखते हैं, तो बेशक हम कुछ बड़ा मांगते हैं। हम यूक्रेन के लिए शांति मांगते हैं। हम इसके लिए लड़ते हैं, हम इसके लिए प्रार्थना करते हैं, हम इसके हकदार हैं।" बता दें कि जेलेंस्की की ये ख्वाहिश बीते मंगलवार को रूस द्वारा यूक्रेन पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करने के बाद आई है, जिसमें कम से कम 3 लोग मारे गए और पूरे इलाके की बिजली गुल हो गई।
रूसी लोगों ने बता दिया कि वे असल में कौन
जेलेंस्की ने अपने संबोधन में कहा, "क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रूसी लोगों ने एक बार फिर दिखा दिया कि वे असल में कौन हैं। भारी गोलाबारी, सैकड़ों 'शाहिद' ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें, किंझल हमले सब कुछ इस्तेमाल किया गया। नास्तिक लोग इसी तरह हमला करते हैं।" बता दें कि क्रिसमस के दिन भी रूस ने यूक्रेन पर 131 ड्रोन दागे। हालांकि, यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली ने इनमें से अधिकांश को मार गिराया लेकिन 22 ड्रोन 15 अलग-अलग क्षेत्रों में गिरकर नुकसान पहुंचाने में सफल रहे।
..तो युद्ध खत्म करने के लिए तैयार हैं जेलेंस्की
जेलेंस्की ने आगे कहा, युद्ध खत्म करने की योजना के तहत कीव देश के पूर्वी इंडस्ट्रियल इलाके से सैनिकों को हटा लेगा। हालांकि, यह तभी संभव होगा जब मॉस्को भी पीछे हटे और वह इलाका बाद में इंटरनेशनल फोर्सेस की निगरानी में एक डीमिलिटराइज्ड जोन बन जाए।


