इज़राइल के ईरान पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हें युद्ध की चिंता नहीं है। ट्रंप ने बताया कि उन्होंने इज़राइल को पहले रोका था और ईरान को बातचीत का मौका दिया था, लेकिन अब आगे क्या होगा यह देखना होगा।

वाशिंगटन: इज़राइल द्वारा ईरान पर बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस क्षेत्र में युद्ध छिड़ने की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने यह बात समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कही।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पहले इज़राइली हमले में देरी करने की कोशिश की थी ताकि ईरान को कूटनीति और बातचीत के लिए पर्याप्त समय मिल सके। उन्होंने तेहरान को 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन आज 61वां दिन है। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान के साथ परमाणु वार्ता जारी रहेगी।

रविवार को ओमान में होने वाली बातचीत पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ेगी। पर ईरान-इज़राइल युद्ध के मद्देनज़र ईरान इसमें हिस्सा लेगा या नहीं, यह संदिग्ध है। ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ 15 जून को ईरानी प्रतिनिधिमंडल से मिलने जाएंगे।

ट्रंप ने यह प्रतिक्रिया तेहरान को यह सलाह देने के कुछ घंटों बाद दी कि अभी भी देर नहीं हुई है और बहुत देर होने से पहले कोई समझौता करना बेहतर होगा। ईरान पर दबाव बढ़ाने के लिए ट्रंप ने कल अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर एक पोस्ट भी किया था। उन्होंने लिखा था, "कड़े शब्दों में बोलने वाले ईरानी अधिकारी बहादुरी से बोल रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है। अब वे सब मर चुके हैं, और चीजें और भी खराब होने वाली हैं।"

ट्रंप ने कल यह भी कहा था कि उन्हें पहले से पता था कि इज़राइल ईरान के परमाणु केंद्रों और बैलिस्टिक मिसाइल कारखानों पर हमला करने वाला है। उन्होंने 8 जून की रात कैंप डेविड में अपने वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ ईरान पर चर्चा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दिन उन्होंने इस बारे में इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से भी बात की थी।

ट्रंप ने कहा, "हमें सब पता था, मैंने ईरान को अपमान और मौत से बचाने की कोशिश की। मैं चाहता था कि समझौता लागू हो। मैंने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की। वे अभी भी एक समझौता कर सकते हैं, अभी भी देर नहीं हुई है।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इज़राइल को अपना पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, "अमेरिका इज़राइल के बहुत करीब है। हम उनके नंबर एक सहयोगी हैं। ईरान के पलटवार के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, "देखते हैं क्या होता है।" इज़राइल के पहले हमले के जवाब में तेहरान ने तेल अवीव पर लगभग 100 ड्रोन से हमला किया था।