Trump Putin Summit: बुडापेस्ट में होने वाली ट्रंप-पुतिन समिट फिलहाल टल गई है। रूस ने कहा कि बैठक की तैयारी में वक्त लगेगा, जबकि अमेरिका ने भी साफ कर दिया कि निकट भविष्य में मुलाकात का कोई प्लान नहीं है।  

Trump Putin Summit Budapest: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बुडापेस्ट में होने वाली मोस्ट अवेटेड 'ट्रंप-पुतिन समिट' को फिलहाल रोक दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला US सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच हुई फोन बातचीत के बाद लिया गया। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने साफ कहा, समिट के लिए कोई तय समय पहले से नहीं था। इसके लिए ज्यादा तैयारी की जरूरत है। रूस का कहना है कि मीटिंग को टालने का मतलब यह नहीं कि रिश्तों में खटास है, बल्कि यह कि दोनों देश अभी रणनीतिक तैयारी कर रहे हैं।

व्हाइट हाउस ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि फिलहाल राष्ट्रपति ट्रंप और पुतिन के बीच निकट भविष्य में कोई बैठक तय नहीं है।इस बयान से ट्रंप के उस दावे पर सवाल उठ गए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि बैठक दो हफ्तों के भीतर हो सकती है।

रूसी विदेश मंत्री ने CNN रिपोर्ट को बताया गलत

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने CNN की उस रिपोर्ट को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि 'रूस की पोजिशन में बदलाव आया है।'उन्होंने कहा, 'रूस की पोजिशन वही है जो अलास्का समिट के दौरान तय हुई थी। हमने कोई बदलाव नहीं किया है।'रूस का कहना है कि अगली मुलाकात कब और कहां होगी, उससे ज्यादा अहम यह है कि अलास्का में जो समझौते हुए थे, उन्हें सही तरीके से लागू किया जाए। पेस्कोव ने कहा, 'हमारे पास राष्ट्रपतियों की आपसी समझ है, लेकिन जिसे फाइनल ही नहीं किया गया, उसे हम टाल कैसे सकते हैं?'

ट्रंप का रुख क्यों बदल रहा है?

सितंबर में ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन को अपनी जमीन छोड़ने की जरूरत नहीं, बल्कि वो खोया इलाका वापस पा सकता है। लेकिन, पिछले हफ्ते पुतिन से फोन कॉल और जेलेंस्की से मीटिंग के बाद ट्रंप ने फिर अपना रुख बदल दिया। उन्होंने दोनों देशों से अपील की और कहा 'जहां हैं, वहीं रुक जाएं।'

यूक्रेन ने जताई नाराजगी

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीनियर यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि वॉशिंगटन में हुई मीटिंग के दौरान ट्रंप ने जेलेंस्की पर दबाव डाला कि वो डोनबास रीजन से अपनी फौज पीछे हटाएं। अधिकारी के मुताबिक, 'हां, यह सच है। बातचीत काफी तनावपूर्ण और मुश्किल थी।' यूक्रेनी पक्ष ने कहा कि कूटनीतिक कोशिशें धीमी और चक्कर काटती हुई महसूस हो रही हैं।

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