सार
भारत के हमले से घबराया पाकिस्तान सीज़फायर के लिए अमेरिका के आगे गिड़गिड़ाया। ट्रंप की मध्यस्थता में भारत सीज़फायर के लिए मान गया। लेकिन अपनी न्यूक्लियर पावर का ढिंढोरा पीटने वाला पाकिस्तान का इस तरह सीज़फायर के लिए गिड़गिड़ाना कई लोगों को हैरान कर गया। कुछ लोगों का मानना है कि जब आतंकियों को खत्म करने का अच्छा मौका था, तब सीज़फायर नहीं मानना चाहिए था। लेकिन इस सीज़फायर के पीछे कुछ और ही राज छुपा है, ऐसा शक पैदा करने वाला एक रेडियोलॉजिकल सेफ्टी बुलेटिन पाकिस्तान से लीक होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया अक्सर झूठी खबरों का अड्डा बन जाता है। ऐसे हालात में फेक न्यूज़ का खतरा और भी बढ़ जाता है। हालांकि इस डॉक्यूमेंट की सच्चाई अभी साफ नहीं है, लेकिन पाकिस्तान का सीज़फायर के लिए गिड़गिड़ाना इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद ये खबर सच हो। इसमें बताया गया है कि न्यूक्लियर रेडिएशन और रेडिएशन लीक की वजह से पाकिस्तानियों में उल्टी, सिरदर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। नॉर्थ पाकिस्तान में रेडिएशन लीक हुआ है। इसमें बताया गया है कि नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (NDT) में इस्तेमाल होने वाले इंडियम-192 कैप्सूल को ट्रांसफर करते समय कुछ गड़बड़ हो गई, जिससे ये लीक हुआ।
इस खबर को और बल मिलता है ऑपरेशन सिंदूर से, जिसमें भारत ने स्कर्दू से लेकर मसरूर तक पाकिस्तानी एयरफोर्स के ठिकानों पर सर्जिकल एयर और मिसाइल अटैक किए थे। रेडिएशन लीक की खबर इससे मेल खाती है। कल ही कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि सीज़फायर का श्रेय ट्रंप की मध्यस्थता को नहीं, बल्कि रेडिएशन को जाता है। कल प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषण में कहा था कि अगर आप बॉर्डर पर निशाना लगाओगे, तो हम सीने पर निशाना लगाएंगे। इन सब बातों को जोड़कर देखें तो लगता है कि कुछ तो हुआ है।
लेकिन कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान के किराना हिल्स पर भारत ने न्यूक्लियर साइट पर हमला किया, ये खबर झूठी है। किराना हिल्स पर पाकिस्तान का न्यूक्लियर बेस है या नहीं, ये पता नहीं। लेकिन हमारा निशाना सिर्फ आतंकी ठिकाने थे। हमने उन्हें तबाह कर दिया। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया।