सार

India Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ा। पाक PM शहबाज शरीफ ने 'तटस्थ जांच' की पेशकश की, लेकिन कश्मीर को पाकिस्तान की 'गले की नस' बताया।

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव (India Pakistan Tension) बहुत अधिक बढ़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच लड़ाई (India Pakistan War) होने शुरू होने का खतरा है। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान "तटस्थ और पारदर्शी" जांच के लिए तैयार है।

शहबाज शरीफ ने काकुल में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में पासिंग-आउट परेड को संबोधित किया। कहा, "पहलगाम में हुई हालिया त्रासदी इस निरंतर दोषारोपण के खेल का एक और उदाहरण है। इसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।"

 

 

शहबाज शरीफ बोले-कश्मीर पाकिस्तान की गले की नस

भारत के खिलाफ बदजुबानी करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत बिना किसी विश्वसनीय जांच और सबूत के झूठे आरोप लगा रहा है। शरीफ ने कहा, "मुझे कश्मीर के महत्व को भी रेखांकित करना होगा। पाकिस्तान के संस्थापक कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान की गले की नस है। दुर्भाग्य से, कई संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के बावजूद यह विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद अनसुलझा है। इसमें कोई शक नहीं कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के खुद से फैसला लेने के अधिकार का तब तक समर्थन करता रहेगा जब तक कि वे अपने संघर्ष और बलिदान से अपने अधिकार हासिल नहीं कर लेते।"

शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की है। पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे लड़ने वाला देश है। इसके चलते हमें बड़ा नुकसान हुआ है। 90 हजार लोगों की जान गई है। 600 बिलियन डॉलर (5122 करोड़ रुपए) से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है।

इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान “अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों द्वारा की जाने वाली किसी भी जांच” में “सहयोग करने के लिए तैयार है”। भारत ने आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति का इस्तेमाल IWT(सिंधु जल संधि) निलंबित करने और घरेलू राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया है। भारत “बिना किसी सबूत, बिना किसी जांच” के पाकिस्तान को सजा देने के लिए कदम उठा रहा है।