सार
India strikes: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 9 आतंकी अड्डों को तबाह किया। पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम फेल क्यों हुआ? क्या चीनी हथियार भी नाकाम साबित हुए?
Operation Sindoor: भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) का बदला लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंक के 9 अड्डों को मिट्टी में मिला दिया गया है। इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने भारत के हवाई क्षेत्र में रहते हुए हमला किया।
पाकिस्तान को पता था कि भारत बदला लेगा। अलर्ट रहने का दावा भी कर रहा था, लेकिन हमला रोक नहीं सका। इससे पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता उजागर हुई है। एयर डिफेंस सिस्टम के मामले में पाकिस्तान चीन से मिले हथियारों पर बहुत अधिक निर्भर है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीनी हथियारों की भी पोल खुल गई है। आइए पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को जानते हैं।
HQ-9 या FD-2000
पाकिस्तान ने 2021 में चीन द्वारा बनाए गए HQ-9 या FD-2000 एयर डिफेंस सिस्टम को सेना में शामिल किया था। दावा किया जाता है कि यह लंबी दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाला सिस्टम है। लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों को इंटरसेप्ट (हवा में ही नष्ट कर देना) कर सकता है। HQ (HongQi) फ्रांस के Crotale एयर डिफेंस सिस्टम की चीनी कॉपी है।
1978-1979 में चीन ने Thomson-CSF Crotale सिस्टम खरीदा था। इसके बाद चुपके से रिवर्स इंजीनियरिंग कर इसकी कॉपी बना ली। इस सिस्टम का पहला चीनी क्लोन 1983 में टेस्ट के लिए तैयार किया गया था। दावा किया जाता है कि HQ-9 100 से 300km दूर तक नजर रखता है। 100 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और 100km तक एक बार में 50 टारगेट को नष्ट कर सकता है।
अमेरिकी TPS-77 रडार
पाकिस्तानी वायु सेना अमेरिका से मिले TPS-77 रडार का इस्तेमाल करती है। दावा है कि इससे लंबी दूरी तक हवाई क्षेत्र की निगरानी की जा सकती है।
चीनी YLC-18A रडार
पाकिस्तान के पास चीन से मिले YLC-18A मल्टी रोल रडार हैं। दावा है कि इससे लंबी दूरी तक हवाई क्षेत्र में नजर रख सकते हैं।
LY-80 LOMADS
मार्च 2017 में पाकिस्तान ने अपनी सेना में चीन से मिले LY-80 LOMADS (Low to Medium Altitude Air Defence System) को शामिल किया था। दावा किया जाता है कि इससे लंबी दूरी तक कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई टारगेट को देखा जा सकता है। उसे नष्ट किया जा सकता है।
पाकिस्तान और चीनी सैन्य विशेषज्ञों ने इसे "फायर करने के लिए तैयार" सिस्टम कहा था जो लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन को मार गिरा सकती है। इसका रेंज 40km बताया गया था। कहा गया था कि इसके मिसाइल 50,000 फीट की ऊंचाई तक जाकर टारगेट को निशाना बना सकते हैं। इस सिस्टम के रडार का रेंज 150 किलोमीटर बताया गया था।
Saab 2000 Erieye
पाकिस्तानी वायु सेना दो अलग-अलग एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट सिस्टम भी इस्तेमाल करती है। ये स्वीडिश कंपनी साब द्वारा विकसित साब 2000 एरीये और चीनी जेडडीके-03 हैं।
क्यों फेल हुआ पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम
भारत द्वारा किए गए हमले से साफ पता चलता है कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नाकाम हुआ है। भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में गए बिना हैमर बम और स्कैल्प मिसाइल से अटैक किया। इसके साथ ही ड्रोन के इस्तेमाल की जानकारी भी सामने आ रही है। पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम यह जानते हुए कि भारत हमला करेगा इन मिसाइलों और बमों को रोक नहीं सका। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम के पास यह क्षमता नहीं है। स्कैल्प मिसाइल, हैमर बम और ड्रोन तक, भारत ने हमले के लिए ऐसे हथियारों का चुनाव किया, जिन्हें इंटरसेप्ट करना मुश्किल है।
पहले भी पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम हुआ है फेल
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान आसमान की ओर मुंह किए ताकता रहा और उसपर हमला हो गया। पहले भी कई बार उसका एयर डिफेंस सिस्टम फेल हुआ है। आइए जानते हैं ऐसा पहले कब-कब हुआ।
जनवरी 2024: ईरान ने मिसाइल और ड्रोन से पाकिस्तान पर हमला किया। पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं सका।
मार्च 2022: गलती से एक भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च होकर पाकिस्तानी क्षेत्र में 124 किलोमीटर अंदर चली गई। यह हरियाणा के सिरसा से लॉन्च हुई और राजस्थान के सूरतगढ़ से शाम 18.43 बजे पाकिस्तान में दाखिल हुई। शाम 18.50 बजे पाकिस्तान के अंदर गिरी। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसे ब्रह्मोस मिसाइल के लॉन्च के बारे में पूरे 7 मिनट तक पता था। हालांकि, सवाल उठा कि इसे मार क्यों नहीं गिराया?
फरवरी 2019: बालाकोट एयर स्ट्राइक के लिए इंडियन एयरफोर्स के विमान पाकिस्तान में घुसे, खैबर पख्तूनख्वा में उड़ान भरी, लेकिन पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका।
मई 2011: ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए अमेरिकी सैनिक चार हेलीकॉप्टर (2 ब्लैक हॉक्स और 2 चिनूक) में सवार होकर आए। उन्होंने पाकिस्तान के अंदर तीन घंटे और छह मिनट बिताए। अफगानिस्तान से इन हेलीकॉप्टरों के आने और जाने का पता पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को नहीं चला।