नेपाल की अंतरिम सरकार में सुशीला कार्की ने प्रधानमंत्री पद संभाला। मंत्रियों की नई लिस्ट में Gen-Z की पसंद का रखा गया ध्यान। जानिए कौन बने गृह, वित्त, ऊर्जा और रक्षा मंत्री। क्या यह मंत्रिमंडल स्थिरता ला पाएगा?

Nepal Interim Government 2025: नेपाल की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। नेपाल अंतरिम सरकार (Nepal Interim Government 2025) की कमान अब देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की (Sushila Karki) के हाथों में है। 12 सितंबर को उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, जब पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) को भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों और Gen-Z मूवमेंट के दबाव में इस्तीफा देना पड़ा। अब सुशीला कार्की की नई कैबिनेट (Nepal Cabinet Ministers List) के नाम तय हो गए हैं, जिनमें पारदर्शिता, सुशासन और युवा प्रतिनिधित्व पर खास जोर दिया गया है।

क्यों खास है नेपाल की नई कैबिनेट?

नेपाल में हाल ही के महीनों में भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों ने राजनीतिक अस्थिरता को और गहरा दिया। ऐसे हालात में सुशीला कार्की ने अपनी अंतरिम सरकार की मंत्रिमंडल सूची जारी की है, जिसमें ऐसे चेहरे शामिल हैं जो या तो भ्रष्टाचार विरोधी छवि के लिए जाने जाते हैं या फिर Gen-Z युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं। आइए जानते हैं नेपाल की अंतरिम सरकार कौन-कौन बने मंत्री?

कौन बनेगा नेपाल का नया गृह मंत्री?

ओमप्रकाश अर्याल को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील रह चुके अर्याल ने 50 से अधिक भ्रष्टाचार और पुलिस सुधार से जुड़ी याचिकाएं दायर की थीं। उनकी छवि एक सख्त सुधारक की है, जो नेपाल की कानून-व्यवस्था को स्थिर करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

नेपाल का आर्थिक संकट संभालेंगे रामेश्वर खनाल

नेपाल विदेशी मुद्रा संकट और महंगाई से जूझ रहा है। ऐसे समय में रामेश्वर खनाल वित्त मंत्री बनाए गए हैं। पूर्व वित्त सचिव खनाल आर्थिक सुधार और विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी नियुक्ति नेपाल की अर्थव्यवस्था को स्थिरता दे सकती है।

ऊर्जा संकट का समाधान करेंगे कुलमान घीसिंग

लोडशेडिंग खत्म करने वाले और भारत-नेपाल बिजली समझौते के नायक कुलमान घीसिंग को ऊर्जा मंत्रालय सौंपा गया है। उनकी नीतियां नेपाल को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ भारत-नेपाल रिश्तों को भी मजबूत कर सकती हैं।

रक्षा मंत्रालय क्यों मिला बालानंद शर्मा को?

नेपाली सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बालानंद शर्मा को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है। 2006 शांति समझौते के बाद माओवादी लड़ाकों के सेना में समायोजन में उनकी भूमिका अहम रही थी। उनकी नियुक्ति से रक्षा नीतियों में स्थिरता की उम्मीद है।

युवा सशक्तिकरण की पहचान: पारस खड़का और असीम मान सिंह

 नेपाल क्रिकेट टीम (Nepali Cricket Team) के पूर्व कप्तान पारस खड़का को युवा और खेलकूद मंत्रालय दिया गया है। यह Gen-Z आंदोलन की भावना को दर्शाता है। वहीं, असीम मान सिंह बस्नेत, जो Pathao ऐप के फाउंडर हैं, को फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है।

Gen-Z की पसंद को क्यों मिली जगह?

नेपाल की अंतरिम सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह युवाओं की मांगों को गंभीरता से ले रही है। खासकर पारस खड़का और असीम बस्नेत जैसे नाम यह दर्शाते हैं कि नई सरकार युवा नेतृत्व और आधुनिक सोच को महत्व दे रही है।

क्या स्थिरता लौटेगी नेपाल में?

यह अंतरिम सरकार मार्च 2026 तक चुनाव कराने का वादा कर चुकी है। सवाल यह है कि क्या यह मंत्रिमंडल वास्तव में Gen-Z आंदोलन की उम्मीदों पर खरा उतरेगा या फिर नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ाएगा।

क्या बदल पाएगी यह अंतरिम सरकार नेपाल का भविष्य?

सुशीला कार्की की यह कैबिनेट अनुभव और युवा सोच का मिश्रण है। भ्रष्टाचार विरोधी छवि, आर्थिक सुधारों की दृष्टि और युवाओं को जिम्मेदारी देने का यह कदम नेपाल को नई राजनीतिक दिशा दे सकता है। हालांकि, असली चुनौती आगामी महीनों में होगी, जब जनता यह देखेगी कि ये मंत्री वादों को जमीन पर कितनी तेजी से उतार पाते हैं।