सार
गाजा में इजरायली सेना द्वारा एम्बुलेंस पर हमले में 15 फिलिस्तीनी स्वास्थ्य कर्मियों की मौत के मामले में इज़राइल ने 'पेशेवर विफलताओं' को स्वीकार किया है। एक डिप्टी कमांडर को बर्खास्त कर दिया गया है।
Israel Gaza War: पिछले महीने गाजा में इजरायली सेना द्वारा किए गए हमले में 15 फिलिस्तीनी स्वास्थ्य कर्मियों की हत्या हुई थी। इस मामले में जांच के बाद इजरायल ने रविवार को कहा कि “पेशेवर विफलताओं” की एक श्रृंखला पाई गई है। एक डिप्टी कमांडर को बर्खास्त किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फिलिस्तीनी डॉक्टरों की हत्या के खिलाफ आक्रोश था। कुछ लोगों ने इसे युद्ध अपराध (war crime) तक कहा था। अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत स्वास्थ्य कर्मियों को खास सुरक्षा दी गई है। इंटरनेशनल रेड क्रॉस/रेड क्रीसेंट ने इसे अपने कर्मियों पर बीते आठ साल में किया गया सबसे भीषण हमला बताया था।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य कर्मियों पर किए गए हमले को लेकर इजराइल ने पहले दावा किया था कि सैनिकों ने गोलीबारी की तब चिकित्सा वाहनों में आपातकालीन सिग्नल नहीं थे। बाद में इस बयान को वापस ले लिया। एक स्वास्थ्य कर्मी के मोबाइल फोन में मिले वीडियो से इजरायल के प्रारंभिक दावे का खंडन हुआ। फुटेज में दिखाया गया है कि एम्बुलेंस की लाइटें चमक रही हैं और लोगो दिखाई दे रहे हैं। यह एम्बुलेंस एक अन्य एम्बुलेंस की मदद के लिए रुकी थीं, जिस पर पहले गोलीबारी हुई थी।
सेना द्वारा की गई जांच से पता चला कि डिप्टी बटालियन कमांडर ने गलत अनुमान के आधार पर कार्रवाई की। उसे लगा कि सभी एम्बुलेंस में हमास के आतंकवादी हैं। इजरायली सेना ने कहा कि घटना रात के वक्त की है। उस समय अंधेरा होने के चलते कम दिखाई दे रहा था। डिप्टी कमांडर को लगा कि उनके सैनिक खतरे में हैं। एम्बुलेंस तेजी से उनके पोजिशन की ओर बढ़ी थी। डॉक्टर पीड़ितों की जांच करने के लिए दौड़े थे। चमकती हुई लाइट नाइट विजन ड्रोनों और चश्मों पर कम दिखाई देती हैं।
इजरायली सैनिकों ने एंबुलेंस पर तुरंत गोलीबारी शुरू कर दी थी। यह पांच मिनट से ज्यादा समय तक चलती रही, बीच-बीच में कुछ देर रुकती रही। कुछ मिनट बाद सैनिकों ने घटनास्थल पर रुकी संयुक्त राष्ट्र की एक कार पर गोलियां चला दीं।
सामूहिक कब्र में दफनाए गए शव
रेड क्रीसेंट के 8 कर्मियों, 6 सिविल डिफेंस कार्यकर्ता और UN के कर्मचारी इस गोलीबारी में मारे गए। घटना 23 मार्च को गाजा के दक्षिणी शहर राफा के एक जिले तेल अल-सुल्तान में घटी। सैनिकों ने शवों और उनके क्षतिग्रस्त वाहनों को बुलडोजर से रौंद दिया। उन्हें सामूहिक कब्र में दफना दिया। संयुक्त राष्ट्र और बचावकर्मी एक सप्ताह बाद घटनास्थल पर पहुंच पाए।
इजरायली सेना ने कहा कि सैनिकों ने शवों को दफना दिया, ताकि उन्हें आवारा कुत्तों और जंगली जानवरों द्वारा नोचने से बचाया जा सके। एम्बुलेंसों को वहां से हटा दिया गया ताकि रास्ते को नागरिकों को निकालने के लिए खुला रखा जा सके।
जांच में पाया गया कि एम्बुलेंसों को कुचलने का फैसला गलत था, लेकिन इस गोलीबारी को छिपाने की कोशिश नहीं की गई थी। सैन्य जांच की निगरानी कर रहे मार. जनरल योआव हर-इवेन ने कहा कि सेना ने उसी दिन बाद में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को घटना के बारे में बताया और बचावकर्मियों को शवों का पता लगाने में मदद की।
सैनिकों ने 20-30 मीटर दूरी से चलाई गोली
फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रमुख ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों को बेहद करीब से गोली मारी गई। सेना द्वारा दिए गए नाइट-विजन ड्रोन फुटेज से पता चलता है कि सैनिक एम्बुलेंस से 20 से 30 मीटर की दूरी पर थे। डिप्टी कमांडर ने पहले गोली चलाई। इसके बाद दूसरे सैनिकों ने गोलीबारी की। जांच में पाया गया कि पैरामेडिक्स की हत्या इजरायली सैनिकों की गलतफहमी के कारण हुई थी। संयुक्त राष्ट्र की कार पर गोलीबारी आदेशों का उल्लंघन था।
इजरायली सेना ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मारे गए लोगों में से छह हमास के आतंकवादी थे। रिपोर्ट में उनके नाम नहीं बताए गए हैं। कहा गया कि तीन अन्य पैरामेडिक्स की मूल रूप से हमास के रूप में गलत पहचान की गई थी। सिविल डिफेंस हमास द्वारा संचालित सरकार का हिस्सा है।