India US Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को बताया कि उनका प्रशासन उनकी सख्त व्यापार रणनीति के तहत 8 जुलाई से 12 देशों को 'पारस्परिक टैरिफ' पत्र भेजना शुरू कर देगा। ट्रंप ने कहा कि इसे स्वीकार करना या छोड़ देना होगा। अगर प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया तो 1 अगस्त 2025 से संबंधित देश से होने वाले आायत पर 70% टैरिफ लगेगा।

हालांकि ट्रंप ने यह नहीं बताया कि इस लिस्ट में कौन-कौन से देश हैं। यह समय अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के जारी रहने, लेकिन फैसला नहीं हो पाने के समय से मेल खाता है। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत भी टैरिफ अल्टीमेटम पाने वालों में शामिल हो सकता है। एयर फोर्स वन में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, "मैंने कुछ पत्रों पर साइन किए हैं। वे सोमवार को जारी किए जाएंगे, संभवतः बारह। अलग-अलग राशि, अलग-अलग टैरिफ।"

बता दें कि ट्रंप ने यह कदम अप्रैल में अधिकांश आयातों पर आधारभूत 10 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा के बाद उठाया है। उन्होंने कई देशों से होने वाले आयात पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगाया है। द्विपक्षीय बातचीत के लिए उस फैसले को 90 दिनों के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त होगी।

अधर में लटकी है भारत-अमेरिका वार्ता

भारत ने हाल ही में व्यापार वार्ता के लिए सीनियर अधिकारियों को वाशिंगटन भेजा था, लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया है। 9 जुलाई की समयसीमा को लेकर अटकलों का जवाब देते हुए भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "हम समयसीमा के आधार पर व्यापार सौदे नहीं करते हैं, राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है।" भारत ने ऑटो पार्ट्स पर मौजूदा अमेरिकी टैरिफ के जवाब में जवाबी शुल्क लगाने के अपने इरादे के बारे में WTO को भी सूचित किया है, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ती खाई और भी उजागर होती है।

व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि भारत गैर-टैरिफ बाधाओं को लेकर चिंतित है। इसमें फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल सेवाओं और कृषि उत्पादों पर अमेरिकी प्रतिबंध शामिल हैं। अमेरिका अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स, डेयरी और चिकित्सा उपकरणों पर कम टैरिफ के लिए दबाव बना रहा है। भारत दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं।