अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक टाल दी है, इसे समय की बर्बादी बताया है। इस फैसले से यूरोपीय नेताओं को राहत मिली है, जो रूस पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली अहम बैठक को टाल दिया है। ट्रंप ने साफ किया कि वह इस बैठक में समय बर्बाद नहीं करना चाहते। यह यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की ट्रंप की कोशिशों पर आया नया बयान है। पिछले हफ्ते ट्रंप ने हंगरी के बुडापेस्ट में इस बैठक का ऐलान किया था, जिसे अब टाल दिया गया है। यह फैसला विदेश सचिव मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच हुई बातचीत के बाद आया है। ट्रंप ने कहा, 'मैं ऐसी कोई मीटिंग नहीं करना चाहता जिसमें समय बर्बाद हो, इसलिए देखते हैं कि आगे क्या होता है।'

ट्रंप के इस बदले हुए मन से यूरोपीय नेताओं को राहत मिलेगी, जिनका आरोप है कि पुतिन बातचीत के लिए समय मांगकर युद्ध के मैदान में फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री, फ्रांसीसी राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर समेत कई यूरोपीय नेताओं ने शांति के लिए रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी इलाके को छोड़ने के ट्रंप के प्रस्ताव का विरोध किया था। यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन की युद्ध में मदद के लिए जब्त की गई रूसी संपत्तियों से अरबों डॉलर का इस्तेमाल करने की योजनाओं पर आगे बढ़ने का भी फैसला किया है।

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की भी अमेरिका से लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें मांगकर अपने देश की स्थिति को और मजबूत कर रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने एक टेलीग्राम पोस्ट में कहा, 'हमें इस युद्ध को खत्म करना है, और इसके लिए सिर्फ दबाव ही एकमात्र रास्ता है।' ज़ेलेंस्की ने यह भी आरोप लगाया था कि जब टॉमहॉक मिसाइलें मिलने की संभावना बनी, तो पुतिन बातचीत के लिए तैयार हो गए, और जैसे ही दबाव कम हुआ, रूस ने बातचीत टालने की कोशिश की। बुधवार को ट्रंप नाटो के महासचिव मार्क रूट से बातचीत करेंगे। नाटो ही यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई का काम देख रहा है।

रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी साफ किया कि ट्रंप की बैठक के लिए कोई जल्दबाजी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी बैठक से पहले गंभीर तैयारी की जरूरत होती है। इस बीच, कीव ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन का अपने देश को रूस को सौंपना अस्वीकार्य है। देश का पांचवां हिस्सा रूस के कब्जे में है। यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं को डर है कि मौजूदा सीमा पर संघर्ष को रोकने से भविष्य में रूस को नए हमलों के लिए एक आधार मिल जाएगा। यूरोपीय नेताओं ने एक बयान में रूसी अर्थव्यवस्था और रक्षा उद्योग पर दबाव बढ़ाने की मांग की।