सार

गहरे आर्थिक संकट में फंसा पाकिस्तान अगले वित्त वर्ष से रक्षा बजट बढ़ाने की तैयारी में है। भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' और सिंधु जल समझौते के मुद्दे के बाद यह फैसला और भी हैरान करने वाला है।

लाहौर: भारी आर्थिक संकट के बावजूद, पाकिस्तान अगले वित्त वर्ष जुलाई से अपना रक्षा बजट बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। 2 जून को बजट पेश होने पर इस बढ़ोतरी की घोषणा होने की उम्मीद है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर से मिली सैन्य चोट से उबरने की कोशिशों के बीच पाकिस्तान रक्षा बजट में इज़ाफ़ा कर रहा है।

देश की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति को नज़रअंदाज़ करते हुए सेना को अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जा रही है। पिछले हफ्ते ही IMF ने एक अरब डॉलर (करीब 8,500 करोड़ रुपये) का ऋण दिया था। देश पर 22 अरब डॉलर से ज़्यादा का विदेशी कर्ज है। IMF के इस ऋण ने पाकिस्तान को इस संस्था से चौथा सबसे बड़ा ऋण लेने वाला देश बना दिया है।

पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने पुष्टि की है कि भारत के साथ हालिया सैन्य तनाव और सिंधु जल समझौते को भारत द्वारा अस्थायी रूप से रोक दिए जाने का हवाला देते हुए, संघीय सरकार 2025-26 के लिए रक्षा बजट बढ़ाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि संघीय बजट बनाने या उसे अंतिम रूप देने में IMF का कोई दबाव नहीं था। इकबाल की यह घोषणा पाकिस्तान की संघीय सरकार द्वारा रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी देने के कुछ हफ़्तों बाद आई है। आगामी बजट में 2.5 ट्रिलियन रुपये से ज़्यादा का प्रावधान किया गया है।