सार
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार को आधुनिक बना रहा है। पाकिस्तान को चीन से आर्थिक और सैन्य सहायता मिल रही है और दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास भी करते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान, दोनों के पास 170 परमाणु हथियार हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को चीन ने ज़्यादा परमाणु हथियार दिए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत, पाकिस्तान से ज़्यादा चीन को खतरा मानता है। अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि चीन के पास 600 से ज़्यादा परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान, भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। लेकिन, विश्वव्यापी खतरा मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी और पाकिस्तान को एक गौण सुरक्षा समस्या मानता है।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा प्राथमिकताएं चीन का मुकाबला करने और सैन्य शक्ति बढ़ाने पर केंद्रित होंगी। मई में सीमा पार से हुए हमलों के बावजूद, भारत पाकिस्तान को एक गौण सुरक्षा समस्या ही मानता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को प्राथमिकता दे रहा है ताकि चीन के प्रभाव का मुकाबला किया जा सके और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका बढ़ाई जा सके। रिपोर्ट में भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र किया गया है।
कहा जा रहा है कि 2025 तक भारत, रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखेगा। भारत का मानना है कि रूस के साथ संबंध उसके आर्थिक और रक्षा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मोदी के नेतृत्व में, भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद कम कर दी है। लेकिन, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अभी भी रूसी पुर्जों पर निर्भर है ताकि वो अपने रूसी टैंकों और लड़ाकू विमानों के बड़े बेड़े को चालू रख सके, जो चीन और पाकिस्तान से आने वाले खतरों का सामना करने की सेना की क्षमता की रीढ़ हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार को आधुनिक बना रहा है। पाकिस्तान को चीन से आर्थिक और सैन्य सहायता मिल रही है और दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास भी करते हैं। पाकिस्तान, चीन से परमाणु हथियार हासिल कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हथियारों का हस्तांतरण हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते होता है।