सार
Canada Election Results 2025: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (PM Mark Carney) की लिबरल पार्टी ने चुनाव जीत लिया है। इससे कार्नी के लिए प्रधानमंत्री बने रहने का रास्ता साफ हो गया है।
इस महीने की शुरुआत में मार्क कार्नी ने अपने व्यस्त अभियान से समय निकालकर हिंदू समुदाय के साथ रामनवमी मनाई थी। पिछले पीएम जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान भारत और कनाडा के रिश्ते खराब हुए थे। इसके बाद कार्नी ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने के संकेत दिए।
कार्नी के प्रधानमंत्री के रूप में वापस आने से भारत के साथ कनाडा के संबंधों के सुधरने की उम्मीद की जा रही है। उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में ट्रूडो के अशांत शासन के भूतों को भी दफना दिया जाएगा।
भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं कार्नी
कार्नी ने संकेत दिए हैं कि वह भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं। कार्नी ने अपनी छवि विवाद बढ़ाने की जगह पुल बनाने वाले नेता की बनाई है। उन्होंने कई अवसरों पर संकेत दिया है कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापार युद्ध के बाद भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
मतदान से एक दिन पहले एक इंटरव्यू में कार्नी ने कहा था कि कनाडा-भारत संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। अब तक कार्नी ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया है। ट्रूडो ने भारत के खिलाफ बोलने के लिए इस मुद्दे को खूब हवा दी थी। इससे संकेत मिलते हैं कि वह अतीत के बोझ को छोड़ने के लिए तैयार हैं। कार्नी ने कहा है कि "रिश्तों पर तनाव" को आपसी सम्मान के साथ संबोधित किया जा सकता है।
ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की धमकी दी है। इसके साथ ही कनाडा से आयात किए जाने वाले सामानों पर टैरिफ लगाया है। इसके बाद भारत को लेकर कनाडा के रुख में बदलाव दिख रहा है।
कार्नी जानते हैं कि ट्रंप से निपटना आसान नहीं होगा। उन्होंने नए मित्रों और सहयोगियों की आवश्यकता पर जोर दिया है। यहीं पर भारत की भूमिका आती है। मार्च में कार्नी ने कहा, "कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहेगा। भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं।"
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत के साथ तनावपूर्ण हो गए थे संबंध
कार्नी ने संकेत दिया है कि उनका ध्यान विदेश नीति की तुलना में कनाडा की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर अधिक होगा। जस्टिन ट्रूडो के समय ऐसा नहीं हुआ। ट्रूडो सिख चरमपंथियों से प्रभावित थे। उन्होंने भारत के प्रति टकराव की विदेश नीति अपनाई।
सितंबर 2023 में ट्रूडो ने आरोप लगाया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ है। इसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। द्विपक्षीय संबंध ठंडे पड़ गए थे। भारत ने अस्थायी रूप से कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी।
भारत के साथ संबंधों का क्या नतीजा निकलेगा
भारत को उम्मीद है कि भारत के प्रति कार्नी की विदेश नीति पर चरमपंथी सिख तत्वों का प्रभाव कम होगा। ट्रूडो का पिछला कार्यकाल खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के समर्थन पर निर्भर था। जगमीत सिंह की चुनाव में हार और NDP प्रमुख के पद से हटने का उनका फैसला भी भारत-कनाडा संबंधों के लिए फायदेमंद साबित होगा। कई रिपोर्टों में उल्लेख किया गया है कि भारत पहले से ही कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त को बहाल करने पर विचार कर रहा है।
कनाडा में लगभग 1.8 मिलियन भारतीय-कनाडाई और एक मिलियन अनिवासी भारतीय हैं, जो इसकी आबादी का 3% से अधिक हिस्सा बनाते हैं। कनाडा में लगभग 4,27,000 भारतीय छात्र भी हैं। तनाव के बावजूद, द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 13.49 बिलियन कनाडाई डॉलर (83 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया। हालांकि, कूटनीतिक गतिरोध के बाद कनाडा और भारत के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) रुका हुआ है।