Bilawal Bhutto Zardari: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि उनके देश को हाफिज सईद (Hafiz Saeed) और मसूद अजहर (Masood Azhar) जैसे आतंकवादियों को भारत को देने पर आपत्ति नहीं है। यह दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के लिए किया जा सकता है। बिलावल की यह बात हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को पसंद नहीं आई है। तल्हा ने कहा है कि बिलावल ने जो बातें कहीं उससे दुनिया भर में पाकिस्तान का अपमान हुआ है।
शुक्रवार को अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान भारत को हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे वांटेड लोगों को प्रत्यर्पित करने के लिए तैयार है। शर्त यह है कि नई दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की "इच्छा" दिखाए। हाफिज सईद पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का प्रमुख है। वहीं, मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का प्रमुख है। इन दोनों संगठनों ने भारत में बहुत से बड़े आतंकी हमले किए हैं। भारत ने हाफिज सईद, मसूद अजहर समेत कई आतंकियों को सौंपने की मांग पाकिस्तान से की है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापक बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के मुद्दे पर हम बात कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि पाकिस्तान इनमें से किसी भी चीज का विरोध नहीं करेगा।”
पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर लगा रखा है बैन
बता दें कि पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर दोहरा रवैया अपनाता है। IMF और दुनिया के दबाव के चलते वह एक ओर दिखावे के लिए आतंकी संगठनों पर बैन लगाता है। दूसरी ओर उन्हें पालता-पोसता और भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है।
पाकिस्तान के नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (Nacta) के अनुसार, पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों को प्रतिबंधित कर दिया है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद इस समय टेरर फंडिंग के लिए 33 साल की सजा काट रहा है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर को Nacta द्वारा बैन किया गया है।
हालांकि, हाफिज सईद और मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद, ऐसे आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं। वे पाकिस्तानी सेना के समर्थन से अपने संगठन चला रहे हैं।
मसूद अजहर ने कराया था भारत के संसद पर हमला
मसूद अजहर भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है। वह भारत में कई बड़े हमलों से जुड़ा है। इनमें 2001 का संसद हमला, 26/11 का मुंबई हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल है। उसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 कंधार अपहरण मामले में बंधकों की अदला-बदली के तहत भारतीय हिरासत से रिहा किया गया था।