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Axiom-4 mission: Shubhanshu Shukla 14 दिनों तक स्पेस में 60 एक्सपेरिमेंट्स करेंगे, ड्रैगन कैप्सूल की सफल Docking

Shubhanshu Shukla Space Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla और उनकी टीम ने Axiom-4 मिशन के तहत Dragon Capsule से सफलतापूर्वक ISS पर Docking किया। मिशन से जुड़ी खास बातें और 14 दिन के अंतरिक्ष एजेंडा की पूरी जानकारी। 

Dheerendra Gopal | Updated : Jun 26 2025, 05:35 PM
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Axiom-4 Mission: 8 अंतरिक्ष यात्री, 14 दिन और 60 एक्सपेरिमेंट्स
Image Credit : X

Axiom-4 Mission: 8 अंतरिक्ष यात्री, 14 दिन और 60 एक्सपेरिमेंट्स

Shubhanshu Shukla Space Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल ने अंतरिक्ष में भारत के प्रतिनिधित्व को नई ऊंचाई दी है। अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Centre से Axiom-4 मिशन (Axiom-4 Mission) के तहत SpaceX के Falcon 9 रॉकेट ने बुधवार को दोपहर 12:01 बजे (IST) उड़ान भरी, और 28 घंटे की यात्रा के बाद Dragon Capsule 'Grace' ने गुरुवार शाम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक Docking कर लिया। Dragon Capsule और ISS के बीच की सील की जांच के बाद, शाम 6:10 बजे दोनों के बीच का हैच खोला जाएगा। उसके बाद Axiom-4 के यात्री बाकी 7 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलेंगे।

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कैसे होता है Docking? जानिए तकनीकी प्रक्रिया
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कैसे होता है Docking? जानिए तकनीकी प्रक्रिया

Docking का अर्थ है स्पेसक्राफ्ट का अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ना। लेकिन उससे पहले 'rendezvous' यानी दोनों को एक ही ऑर्बिटल प्लेन में आकर एक-दूसरे के काफी पास आना होता है। इसके बाद गति और दिशा (velocity vector) को मिलाते हुए, नियंत्रित तरीके से Grace Capsule को ISS से जोड़ा गया।

भारतीय समयानुसार शाम 4:03 बजे 'soft capture' हुआ, जो शुरुआती संपर्क होता है और स्पेसक्राफ्ट को हिलने-डुलने की जगह देता है। कुछ मिनटों बाद 'hard capture' भी कन्फर्म हो गया जिससे मजबूत कनेक्शन स्थापित हुआ।

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शुभांशु शुक्ल बोले: ‘वास्तव में जादुई अनुभव’
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शुभांशु शुक्ल बोले: ‘वास्तव में जादुई अनुभव’

कैप्सूल में सवार रहते हुए शुभांशु शुक्ल ने अपनी पहली उड़ान को यादगार बताया। उन्होंने कहा: मैं रोमांचित हूं कि यहां हूं। जब मैं लॉन्चपैड पर बैठा, 30 दिनों के क्वारंटीन और 6 बार की देरी के बाद... तो मन में बस एक ही बात थी—'अब चलो!' और फिर जब लॉन्च हुआ, तो शब्द नहीं थे... पहले आप सीट में धंस जाते हैं और फिर अचानक सब कुछ शांत... आप स्पेस में तैर रहे होते हैं... यह वाकई जादुई है। शुक्ल ने मिशन की सफलता को दुनिया भर के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की साझा उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह एक सामूहिक उपलब्धि है। मैं उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने इस मिशन को संभव बनाया। यह सफर हम सबका है।

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ISS में 60 वैज्ञानिक प्रयोग, भारत के 7 शामिल
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ISS में 60 वैज्ञानिक प्रयोग, भारत के 7 शामिल

अगले 14 दिनों तक Axiom-4 के चारों अंतरिक्ष यात्री Peggy Whitson (US), Slawoz Wisniewski (Poland), Tibor Kapu (Hungary) और शुभांशु शुक्ल 60 साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट करेंगे। भारत द्वारा प्रस्तावित 7 प्रयोगों में 'Water Bears' यानी माइक्रोस्कोपिक जीवों पर माइक्रोग्रैविटी (Microgravity) के प्रभावों को जानना शामिल है। इसके अलावा Bio-manufacturing और Bio-astronautics पर भी काम होगा।

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Apollo 11 Launch Site से हुआ Axiom-4 का सफर
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Apollo 11 Launch Site से हुआ Axiom-4 का सफर

Falcon 9 रॉकेट की लॉन्चिंग उसी Complex 39A से हुई, जहां से 1969 में Neil Armstrong की Apollo 11 मिशन की ऐतिहासिक शुरुआत हुई थी।

Dheerendra Gopal
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Dheerendra Gopal
धीरेंद्र गोपाल 2007 से पत्रकारिता कर रहे हैं। अमर उजाला से शुरू करने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स और राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टिंग हेड व ब्यूरोचीफ सहित विभिन्न पदों पर रहे। राजनीतिक रिपोर्टिंग, क्राइम व एजुकेशन बीट के अलावा स्पेशल कैंपेन, ग्राउंड रिपोर्टिंग व पॉलिटिकल इंटरव्यू का अनुभव व विशेष रूचि है। डिजिटल मीडिया, प्रिंट और टीवी तीनों फार्मेट में काम करने का डेढ़ दशक का अनुभव। एशियानेट में वर्तमान में EOD देखते हैं। Read More...
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