सार
US against Trump: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नीतियों के खिलाफ अमेरिका के वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस से लेकर यूरोपीय शहरों तक हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया।
US against Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद ताबड़तोड़ दर्जनों आदेश पारित किए हैं। इमिग्रेशन कानून हो या टैरिफ या स्कूली शिक्षा विभाग को बंद करना, बिजनेस प्वाइंट ऑफ व्यू से लिए गए ट्रंप के फैसलों से दुनिया में हलचल मची ही है। इन उलूल-जलूल फैसलों ने अमेरिकियों को भी संकट में डाल दिया है। अमेरिका में भी एक बार फिर मंदी की आहट सुनायी देने लगी है। टैरिफ की वजह से देश में बेतहाशा महंगाई की आशंका जतायी जा रही है। टैरिफ के ऐलान के बाद अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ आक्रोश काफी बढ़ गया है। रविवार को अमेरिका के एक हजार से अधिक शहरों और यूरोपीय देशों में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन हुए। हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे लोगों ने ट्रंप सरकार पर तानाशाही, महिला अधिकारों पर हमला और वैश्विक आर्थिक संकट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क तक डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लहराता जनविरोध
वॉशिंगटन (Washington), न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, फ्लोरिडा, डेनवर और ह्यूस्टन जैसे अमेरिका के प्रमुख शहरों में शनिवार को हजारों की संख्या में लोगों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराया। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह अबतक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है।
महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं की संयुक्त भागीदारी
वॉशिंगटन के नेशनल मॉल (National Mall) में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ जमा हुई। न्यू हैम्पशायर से आईं 64 वर्षीय डायने कोलीफ्राथ ने कहा कि वे हमारी सरकार को तबाह कर रहे हैं और दुनिया में हमारे सहयोगियों को खो रहे हैं।
न्यूयॉर्क की पेंटर शायना केस्नर (Shaina Kesner) ने कहा कि हम बहुत गुस्से में हैं। हमारे देश को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त, गोरे और आरोपित बलात्कारियों ने नियंत्रित कर लिया है।
लॉस एंजेलिस में एक महिला डिस्टोपियन नॉवेल The Handmaid's Tale के किरदार के रूप में आईं और उनके झंडे पर लिखा था "Get out of my uterus, ये ट्रंप की एंटी-अबॉर्शन (Anti Abortion Policies) नीति पर करारा वार था।
यूरोपीय शहरों में भी गूंजा विरोध
लंदन और बर्लिन जैसे यूरोपीय शहरों में भी ट्रंप की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन हुए। लंदन में मौजूद अमेरिकी-ब्रिटिश नागरिक लिज़ चेम्बरलीन ने कहा कि ये आर्थिक पागलपन है। ट्रंप हमें वैश्विक मंदी (Global Recession) की ओर ले जा रहे हैं। बर्लिन की 70 वर्षीय सेवानिवृत्त महिला सुज़ैन फेस्ट ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिका को संवैधानिक संकट में डाल दिया है।
'No King for USA': तानाशाही के खिलाफ सीधा संदेश
डेनवर में एक प्रदर्शनकारी ने No king for USA लिखा हुआ पोस्टर लहराया। वहीं, बोस्टन में डोमिनिक सेंटेला ने कहा कि हम फासीवाद (Fascism) को रोकने के लिए सड़कों पर हैं। ट्रंप अपने विरोधियों को जेल भेज रहे हैं।
जेमी रास्किन का भाषण और ‘Sleeping Giant’ की चेतावनी
डेमोक्रेटिक सांसद और इम्पीचमेंट मैनेजर जेमी रास्किन (Jamie Raskin) ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी नैतिक व्यक्ति तानाशाही और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाले नेता को नहीं चाहता। एक्टिविस्ट ग्रेलन हेगलर ने कहा कि उन्होंने एक सोए हुए दानव को जगा दिया है। अभी तो शुरुआत है।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया: ट्रंप अपनी नीति नहीं बदलेंगे
ट्रंप प्रशासन ने इन विरोधों को खारिज करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति की नीतियां नहीं बदलेंगी। खुद ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि उनकी नीतियां कभी नहीं बदलेंगी। हालांकि, हालिया सर्वे में उनकी अप्रूवल रेटिंग (Approval Rating) अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।