सार
Donald Trump ने फिर से ग्लोबल इकोनॉमी को हिला दिया है। अमेरिका ने चीन, जापान, EU समेत 60 देशों पर भारी टैरिफ लागू कर दिए हैं। अमेरिका में बेतहाशा महंगाई की पड़ सकती मार।
Trump Tariff 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुरू किए गए टैरिफ वॉर से दुनिया में हलचल तो मची ही है, अब अमेरिका के भीतर भी अफरातफरी है। प्रेसिडेंट ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी से अमेरिका में एक बार फिर महंगाई और मंदी की आहट सुनाई दे दी है। दरअसल, सत्ता में लौटने के बाद ट्रंप ने 60 देशों पर भारी-भरकम टैरिफ (Tariff) लगा दिए हैं। ट्रंप ने इसे अमेरिका की इकोनॉमिक लिबरेशन डे (Economic Liberation Day) करार दिया। लेकिन इस वजह से देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है।
'दर्द होगा लेकिन नतीजा ऐतिहासिक होगा'
ट्रंप ने टैरिफ लागू होने के बाद देश में मची अफरातफरी के बीच अमेरिकियों से अपील की है। उन्होंने Truth Social पर लिखा: हम अब 'पीटने वाला कमजोर अमेरिका' नहीं रहेंगे। यह एक आर्थिक क्रांति है। यह आसान नहीं होगा लेकिन नतीजा ऐतिहासिक होगा।
10% बेसलाइन टैरिफ लागू, चीन पर 54% तक की दर
शनिवार रात 12 बजे से 10% बेसलाइन टैरिफ लागू हो गया है जिसमें कनाडा और मेक्सिको को छोड़कर बाकी दुनिया के प्रोडक्ट शामिल हैं। दरअसल, कनाडा और मेक्सिको पर पहले ही ट्रंप टैरिफ लाद चुके हैं।
चीन पर: 34% नया टैरिफ, जो 9 अप्रैल से बढ़कर 54% तक हो जाएगा
जापान, EU पर: 20% से 24%
वियतनाम पर: 46% तक
चीन का पलटवार: WTO में केस और Rare Earth Export पर बैन
जैसे ही अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाए, बीजिंग ने भी 10 अप्रैल से अमेरिकी उत्पादों पर 34% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। साथ ही अमेरिका के खिलाफ WTO में केस दर्ज किया है और मेडिकल व इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में जरूरी Rare Earth Minerals के निर्यात पर रोक लगाने की भी चेतावनी दी है।
सभी बाजार हुए धड़ाम
टैरिफ के ऐलान के बाद Wall Street और एशियाई बाजारों में जोरदार गिरावट देखी गई। CSIS (Center for Strategic and International Studies) ने इसे 1930 के Smoot-Hawley Tariff Act के बाद का सबसे बड़ा टैरिफ शॉक बताया है।
कौन-कौन से प्रोडक्ट्स प्रभावित नहीं होंगे?
फिलहाल, कुछ प्रोडक्ट्स में छूट दी गई है। इनमें फार्मा, सेमीकंडक्टर, एनर्जी प्रोडक्ट्स शामिल है। कॉपर आदि पर जल्द नया टैरिफ आएगा।
Auto सेक्टर पर भी असर
ट्रंप के नए 25% ऑटो टैरिफ लागू होने के बाद Stellantis जैसी कंपनियों ने कनाडा और मैक्सिको के संयंत्रों में उत्पादन रोक दिया है।