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कर्मचारी चयन आयोग ने निकाली कई पदों के लिए एक हजार से भी ज्यादा  वैकेंसी, जानें डिटेल्स
कर्मचारी चयन आयोग ने निकाली कई पदों के लिए एक हजार से भी ज्यादा वैकेंसी, जानें डिटेल्स

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने विभिन्न पदों के लिए एक हजार से भी ज्यादा वैकेंसी निकाली है। ये बहालियां सिलेक्शन पोस्ट फेज-8, 2020 के तहत होंगी।

कॉर्नेल लॉ स्कूल CAA, NRC जैसे मुद्दों पर तथ्य आधारित अध्ययन कर रहा है
कॉर्नेल लॉ स्कूल CAA, NRC जैसे मुद्दों पर तथ्य आधारित अध्ययन कर रहा है

केंद्र की संकाय निदेशक और क्लीनिकल लॉ की प्रोफेसर शीतल कलंतरी ने बताया कि कॉर्नेल भारत विधि केंद्र का एक अन्य उद्देश्य भारतीय विधि विद्यालयों, कानूनी पेशेवरों, न्यायाधीशों और उनके अमेरिकी समकक्षों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। कलंतरी ने कहा कि केंद्र उच्चतम न्यायालय में महत्वपूर्ण मामलों - जैसे आधार योजना, भारतीय दंड संहिता के अनुच्छेद 377 को कानूनी मान्यता देना, सबरीमला मामले और सरोगैसी मामले आदि -में फैसलों के संकलन पर काम कर रहा है।

रेलवे में बड़े पैमाने पर अपरेंटिस की वैकेंसी, 10वीं पास कर सकते हैं अप्लाई
रेलवे में बड़े पैमाने पर अपरेंटिस की वैकेंसी, 10वीं पास कर सकते हैं अप्लाई

वेस्ट-सेंट्रल रेलवे ने अपरेंटिस के 570 पदों के लिए वैकेंसी निकाली है। 10वीं पास और आईटीआई डिप्लोमाधारी उम्मीदवार इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। 

चंबल के डकैतों के लिए कुख्यात थी जो जगह वहीं से फौजी का बेटा बना IAS, अब मंत्री की बेटी से करेगा शादी
चंबल के डकैतों के लिए कुख्यात थी जो जगह वहीं से फौजी का बेटा बना IAS, अब मंत्री की बेटी से करेगा शादी

ग्वालियर. मध्यप्रदेश के भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र के प्रतापपुरा गांव से एक गरीब लड़के ने अधिकारी बन इतिहास रच दिया। इनका नाम है श्यामवीर सिंह नरवरिया जो साल 2018 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 284 रैंक लाकर काफी चर्चा में रहे। श्मयामवीर ऐसे क्षेत्र से आते हैं जो काफी पिछड़ा है। उन्होंने काफी कम उम्र में ही ठान ली कि, वो आईएएस बनेंगे। नौकरी छोड़ वो खाली बैठ गए और बिना कोचिंग लिए सेल्फ स्टडी से उन्होंने इस लक्ष्य को पाया। IAS सक्सेज स्टोरी में आज हम श्यामवीर के संघर्ष की कहानी बता रहे हैं.....

10 अखबार पढ़ नोट्स बनाकर मोबाइल पर भेजती थी मां, IAS अफसर बन बेटे ने कर दिया गर्व से सिर ऊंचा
10 अखबार पढ़ नोट्स बनाकर मोबाइल पर भेजती थी मां, IAS अफसर बन बेटे ने कर दिया गर्व से सिर ऊंचा

लुधियाना. कहते हैं हर शख्स की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है। वो या तो उसके घर को संभालती है उसे परिवार की मुश्किलों से निश्चिंत कर देती है। या बहुत बार वो उसकी प्रेरणा बन जाती है। पर कुछ लोगों की जिंदगी में ऐसा भी होता है जब उनके परिवार की कोई महिला उनकी सफलता और कामयाबी के लिए कदम से कदम मिलाकर साथ मेहनत भी करती हैं। ऐसे ही एक आईएएस अफसर बेटे ने अपने मां के संघर्ष और कड़ी मेहनत की कहानी सुनाई। उन्होंने अपनी हर सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया।

देश के लिए बड़ी खुशखबरी; सरकार ने 75 नए मॉडर्न फैसिलिटी मेडिकल कॉलेजों बनाने की दी मंजूरी
देश के लिए बड़ी खुशखबरी; सरकार ने 75 नए मॉडर्न फैसिलिटी मेडिकल कॉलेजों बनाने की दी मंजूरी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में देश में 75 ‘‘आकांक्षी जिलों’’ में इतने ही अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल स्थापित करने को मंजूरी दी है

22 साल की उम्र में ही बन गया था IAS अफसर लेकिन गरीब बच्चों को पढ़ाने छोड़ दी नौकरी
22 साल की उम्र में ही बन गया था IAS अफसर लेकिन गरीब बच्चों को पढ़ाने छोड़ दी नौकरी

राजस्थान. देश में लाखों बच्चे सिविल सर्विस एग्जाम (यूपीएससी)  की तैयारी करते हैं। हर दूसरा बच्चा बड़े होकर अफसर बनने के सपने देखता है। इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत से बच्चे दिन-रात की मेहनत करते हैं। पर कुछ ऐसे प्रतिभाशाली बच्चे भी होते हैं जो पहले प्रयास में ही सफलता पा लेते हैं। ऐसे ही एक सुपर टैलेंटेड बच्चे ने मात्र 16 साल की कम उम्र में सबसे मुश्किल परीक्षा को पास कर लिया था। इसका नाम है रोमन सैनी जो आज देश के गरीब बच्चों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए ऑनलाइन मदद करते हैं। 16 साल की उम्र में रोमन ने एम्स की एंट्रेंस परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया था। इसके बाद उन्होंने आईएएस बनकर मां-बाप का नाम रोशन किया। IAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको रोमन के संघर्ष, चुनौतियों और गरीब बच्चों के मसीहा बनने के पूरे सफर को बता रहे हैं। 

कॉल सेंटर में काम कर परिवार को अकेले पाला, दर दर की ठोकरें खाईं और आखिरकार बन ही गया IPS अफसर
कॉल सेंटर में काम कर परिवार को अकेले पाला, दर दर की ठोकरें खाईं और आखिरकार बन ही गया IPS अफसर

कानपुर. जब कुछ कर दिखाने का जज़्बा हो तो, मुश्किल हालातों से लड़कर भी अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं। ऐसे ही गरीब घर से आने वाले एक लड़के ने हजार मुश्किलों से लड़ते हुए आईपीएस (IPS) अफसर की वर्दी पहनने के सपने को पूरा किया। कानपुर के जाजमऊ के रहने वाले सूरज सिंह परिहार कभी कॉल सेंटर में काम करते थे लेकिन अपनी मेहनत और लगन के दम पर आज एक आईपीएस ऑफ़िसर हैं। उन्होंने कई नक्सलवादियों को पकड़ा है।  वो एक क्रिएटिव लेखक भी हैं जो कविताएं लिखकर लोगों को जागरूक करते हैं। पर सूरज की जिंदगी में कभी बहुत अंधेरा रहा है उन्होंने अपने बुरे दिनों से लड़कर देश सेवा के इस क्षेत्र में आज मुकाम हासिल किया है। IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको गरीब परिवार से आने वाले इस यौद्धा के संघर्ष की प्रेरणात्मक कहानी सुना रहे हैं।  

16 साल का था जब पिता को खो दिया; मां बहन का पेट पालते की पढ़ाई, फिर ऐसे बना IPS अफसर
16 साल का था जब पिता को खो दिया; मां बहन का पेट पालते की पढ़ाई, फिर ऐसे बना IPS अफसर

नई दिल्ली. हर साल देश में पुलिस अफसर बनने या आईएएस अफसर बनने के लिए छात्रों की एक पूरी फौज तैयार होती है। देश में यूपीएसससी की तैयारी करते लाखों स्टूडेंट्स अफसर बनने का सपना लेकर दिन रात पढ़ाई करते हैं। पर बहुत बार पुलिसवालों के बच्चों पर भी पुलिस में ही जाने का प्रेशर बन जाता है। पिता को आदर्श मानने वाला एक लड़का अपनी जिंदगी में कुछ और बनने के सपने देखता था। लेकिन एक दिन दिल्ली में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे उसके पिता का साया ही उसके सिर से उठ गया। 50 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले दिल्ली के सुपरकॉप राजबीर सिंह की साल 2008 में एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी। उसके पिता की बहादुरी के किस्से हर जगह छाए रहते थे, ऐसे में पिता को आदर्शन मान उसने भी पुलिसवाला बनने की ठान ली। IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको रोहित राजबीर सिंह के संघर्ष और चुनौतियों की कहानी सुना रहे हैं। 

पिता ने की गार्ड की नौकरी और खेतों में किया काम, हर गरीबी को नजदीक से देख बेटा बन गया अफसर
पिता ने की गार्ड की नौकरी और खेतों में किया काम, हर गरीबी को नजदीक से देख बेटा बन गया अफसर

रायबरेली(Uttar Pradesh). फरवरी में CBSE बोर्ड के साथ अन्य बोर्ड के एग्जाम भी स्टार्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही बैंक, रेलवे, इंजीनियरिंग, IAS-IPS के साथ राज्य स्तरीय नौकरियों के लिए अप्लाई करने वाले  स्टूडेंट्स प्रोसेस, एग्जाम, पेपर का पैटर्न, तैयारी के सही टिप्स को लेकर कन्फ्यूज रहते है। यह भी देखा जाता है कि रिजल्ट को लेकर बहुत सारे छात्र-छात्राएं निराशा और हताशा की तरफ बढ़ जाते हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम 2015  बैच के IRS ( इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज) अफसर कुलदीप द्विवेदी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। कुलदीप ने ये मुकाम पाने के लिए काफी संघर्ष किया है। 

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