Kab Hai Annapurna Jayanti 2023: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की मान्यता है, देवी अन्नपूर्णा भी इनमें से एक है। इन्हें अन्न की देवी कहा जाता है, इसलिए इनका नाम अन्नपूर्णा है। इनसे जुड़ी कईं कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती है।
Akhuratha Chaturthi 2023 Kab Hai: पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये व्रत दिसंबर 2023 के अंत में किया जाएगा।
January 2024 Festival calendar: साल 2024 के पहला महीने जनवरी में कईं व्रत त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें मकर संक्रांति आदि प्रमुख रहेंगे। इसी महीने सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होगा। जानें जनवरी 2024 के प्रमुख व्रत-त्योहार।
Kab hai Tulsi Pujan Diwas 2023: घर में तुलसी का पौधा रखने से पॉजिटिविटी बनी रहती है। धर्म ग्रंथों में भी इस पौधे का विशेष महत्व बताया गया है। तुलसी के महत्व को देखते हुए ही हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है।
Kab Hai Tulsi Pujan Diwas 2023: हिंदू धर्म ग्रंथों में तुलसी का विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए लगभग हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन तुलसी की पूजा विशेष रूप से होती है।
Chanakya Niti Life Management: आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए हैं। आचार्य चाणक्य ने ये भी बताया है कि कौन-से 4 काम करने के बाद नहानी जरूरी है, ऐसा न करने से बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Shani Sadesati- dhaiya 2024: शनि की साढ़ेसाती और ढैया का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। साल 2024 में किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी और किन राशियों पर ढैया का असर होगा? आगे जानिए इससे बचने के उपाय भी…
kab hai Veer Bal Diwas 2023: सिक्ख धर्म गुरुओं ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कई बार बलिदान दिया। सिक्खों के अंतिम गुरु गोविंद सिंह के बेटों की याद में हर साल दिसंबर मास में वीर बाल दिवस मनाया जाता है।
Who celebrated the first Christmas? हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस फेस्टिवल पूरी दुनिया में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं क्रिसमस फेस्टिवल सबसे पहले कहां मनाया गया, कैसी हुई इस त्योहार की मनाने की शुरूआत?
Interesting facts of Mahabharata: जब दुर्योधन के कहने पर दु:शासन ने द्रौपदी का चीरहरण किया था, तो भीम ने प्रतिज्ञा ली थी कि वे युद्ध में दु:शासन का छाती का खून पीएंगे। ये प्रतिज्ञा उन्होंने पूरी भी की, लेकिन इससे जुड़े कुछ तथ्य लोगों को पता नहीं है।