बेंगलुरु में एक रूसी महिला अपनी घरेलू सहायिका को ₹45,000 देती हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रोफेशनलिज्म, भरोसे और सम्मान को महत्व देती हैं। वह इंसेंटिव और 10% वार्षिक वेतन वृद्धि देकर उनके व्यक्तिगत विकास में भी मदद करती हैं।
बेंगलुरु में रहने वाली एक रूसी महिला ने बताया कि वह अपनी घरेलू सहायिका को 45,000 रुपये की सैलरी क्यों देती हैं। इंस्टाग्राम पर शेयर की गई एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि वह प्रोफेशनलिज्म, ईमानदारी और भरोसे को बहुत महत्व देती हैं। हाल ही में, यूलिया असलामोवा नाम की इस महिला का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने महीने के खर्चों के बारे में बताया था। इसी में उन्होंने अपनी घरेलू सहायिका को 45,000 रुपये देने का जिक्र किया था। लेकिन, कुछ लोगों ने यह कहकर उनकी आलोचना की कि एक घरेलू सहायिका को इतने पैसे देने की क्या जरूरत है।
इस पोस्ट में यूलिया असलामोवा ने इसी का जवाब दिया है। अपने नए इंस्टाग्राम पोस्ट में यूलिया कहती हैं कि वह घरेलू सहायकों के साथ सम्मान से पेश आने और उन्हें आगे बढ़ने के मौके देने में विश्वास रखती हैं। वह कहती हैं, "मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा गर्व यह है कि जब तक मैंने किसी को जाने नहीं दिया, कोई भी काम छोड़कर नहीं गया। भारत में घरेलू सहायकों को पेशेवर नहीं माना जाता। कहा जाता है कि वे भाग जाते हैं। यह गलत है।"
मैं अपने घर के काम करने वालों को उनके काम के हिसाब से इंसेंटिव देती हूं। इससे वे और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित होते हैं। मैं साल में 10% की बढ़ोतरी भी करती हूं, क्योंकि महंगाई भी तो बढ़ रही है। मैंने अपनी घरेलू सहायिका को ड्राइविंग सीखने में भी मदद की। यूलिया का मानना है कि यह उनकी व्यक्तिगत तरक्की में हमारा योगदान है और हमें उनकी ग्रोथ में भी मदद करनी चाहिए। वैसे, यूलिया की पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट्स किए हैं। ज्यादातर लोगों ने कहा कि यूलिया जो कर रही हैं, वह एक बहुत अच्छा काम है।
