सार

एक पिता ने अपनी बेटी की देखभाल के लिए ऊँची तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी, लेकिन अब वह गहरे मानसिक संघर्ष से जूझ रहे हैं। चीन के इस पिता की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

च्चों की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं है। सभी माता-पिता यह नहीं कह सकते कि उनके बच्चे कैसे बड़े होंगे। कुछ लोग अपने बच्चों की बहुत देखभाल करते हैं। ऐसे ही अपनी बेटी की परवरिश के लिए, उसकी देखभाल के लिए अपनी ऊँची तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ने वाले एक सेल्स मैनेजर ने आखिरकार लिखा कि वह गहरे मानसिक संघर्ष में है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि चीन के सिचुआन प्रांत के 32 वर्षीय एक पिता ने यह नोट लिखा है। 

चाइनीज सोशल मीडिया पर 'जैस्मिन के पापा' के नाम से मशहूर इस 32 वर्षीय पिता के सोशल मीडिया अकाउंट पर लगभग 11,000 फॉलोअर्स हैं। मई 2023 में उनकी बेटी जैस्मिन का जन्म हुआ। पालतू जानवरों का खाना बेचने वाली कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम करने वाले इस शख्स की मासिक तनख्वाह 20,000 युआन (करीब 2.3 लाख रुपये) थी। लेकिन, आया रखने लायक पैसे न होने के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने यह भी लिखा कि उनकी और उनकी पत्नी की माँएं देश के अलग-अलग शहरों में काम करती हैं, इसलिए उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। 

उनकी पत्नी के पास सरकारी नौकरी है। लेकिन, वह तुरंत छुट्टी लेकर नहीं आ सकती। इसलिए पत्नी की मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बेटी जैस्मिन की देखभाल के लिए घर पर ही रहने लगे। आजकल वह घर बैठे ऑनलाइन बच्चों के उत्पादों की लाइव स्ट्रीमिंग करके 4,000 युआन (46,000 रुपये) कमाते हैं। 

उन्होंने लिखा कि सुबह छह बजे जैस्मिन के रोने से उनकी ज़िंदगी शुरू होती है। फिर उसके साथ घूमना-फिरना। गर्मी बढ़ने पर उसे लेकर पार्क जाना। वापस आकर जब वह सोती है, तब वीडियो शूट वगैरह करते हैं। रात में हर तीन घंटे में वह उठती है और रोने लगती है। बच्ची की देखभाल करते-करते उन्हें अब जोड़ों में दर्द होने लगा है। एक बार बेटी को निमोनिया हो गया था, तब बहुत मुश्किल हुई। नहाने या सोने का समय नहीं मिलता था, पाँच दिन बच्ची के साथ अस्पताल में रहे। लेकिन, उन्होंने लिखा कि उनके और उनकी पत्नी के परिवार ने इसके लिए उन्हें ही दोषी ठहराया। 

काम की व्यस्तता के कारण उनकी पत्नी हफ्ते में सिर्फ एक बार घर आती है। उन्होंने लिखा कि आखिरकार उनका पारिवारिक जीवन टूटने के कगार पर पहुँच गया है और उन्हें प्रसवोत्तर अवसाद हो गया है। आमतौर पर पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को प्रसवोत्तर अवसाद होता है। लेकिन, बहुत ज़्यादा तनाव में रहने वाले पुरुषों में भी यह समस्या देखी जाती है। पेट में तेज दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लिखते हैं कि इलाज के साथ-साथ भावनात्मक सहारा भी बहुत ज़रूरी है।