केरल पुलिस ने सार्वजनिक USB पोर्ट से फोन चार्ज करने के खिलाफ चेतावनी दी है। 'जूस जैकिंग' नामक इस साइबर हमले से हैकर्स आपका डेटा चुरा सकते हैं या मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं। इससे बचने के लिए हमेशा अपना चार्जर या पावर बैंक इस्तेमाल करें।
लंबी यात्रा के दौरान या जब फोन की बैटरी अचानक खत्म हो जाती है, तो हम यह नहीं देखते कि कहाँ और कैसे चार्ज करें। बस कोई प्लग दिखा नहीं कि हम फोन चार्ज पर लगा देते हैं, है ना? लेकिन अब कहीं भी फोन चार्ज करने से पहले रुकिए। केरल पुलिस ने चेतावनी दी है कि पब्लिक जगहों पर फोन चार्ज करते समय सावधान रहना चाहिए। पुलिस का कहना है कि आप 'जूस जैकिंग' नाम के साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। पुलिस मीडिया सेंटर ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क रहने की चेतावनी दी है, जिसके बारे में कई बार रिपोर्ट किया जा चुका है।
क्या है जूस जैकिंग?
केरल पुलिस की चेतावनी के बाद, आइए विस्तार से जानते हैं कि जूस जैकिंग क्या है। जूस जैकिंग एक तरह का साइबर हमला है। इसके जरिए पब्लिक यूएसबी चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल करके आपके फोन, टैबलेट या लैपटॉप से डेटा चुराया जा सकता है या उसमें मैलवेयर इंस्टॉल किया जा सकता है। 'जूस जैकिंग' शब्द आपके फोन को 'जूस अप' (चार्ज) करने और उसे 'हाइजैक' करने के काम को जोड़ता है। एयरपोर्ट, होटल और कॉफी शॉप जैसी जगहों पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों में अक्सर यूएसबी पोर्ट होते हैं। ये यूएसबी कनेक्टर पावर और डेटा ट्रांसफर दोनों कर सकते हैं, जिससे हैकर्स के लिए आपके फोन तक पहुंचना आसान हो जाता है। वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि जूस जैकिंग के लिए किसी बहुत जटिल तकनीक की जरूरत नहीं होती। एक पब्लिक यूएसबी पोर्ट या केबल ही काफी है। इसके जरिए आपके पासवर्ड, ईमेल और वित्तीय जानकारी हैकर्स के हाथ लग सकती है।
जूस जैकिंग से कैसे बचें?
जूस जैकिंग से बचने का सबसे आसान तरीका है कि पब्लिक यूएसबी पोर्ट के बजाय अपने खुद के चार्जिंग केबल और पावर एडॉप्टर का इस्तेमाल करें। यूएसबी डेटा ब्लॉकर का उपयोग करें। लंबी यात्राओं पर हमेशा पोर्टेबल चार्जर साथ रखें। सुरक्षित चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करें। अपने स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन को नियमित रूप से अपडेट करें। यूएसबी पोर्ट से कनेक्ट करते समय डेटा ट्रांसफर को डिसेबल कर दें।