इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा भारत की जून तिमाही की GDP, रिलायंस इंडस्ट्रीज की AGM, अमेरिका के GDP आंकड़े, 9 कंपनियों के IPO और विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों के रुख जैसे फैक्टर से तय होगी।
शुक्रवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। इस तेजी के पीछे अमेरिकी बाजारों में उछाल, एशियाई बाजारों में तेजी, गिरावट में खरीदारी, DII की खरीदारी और महंगाई में कमी जैसे 5 प्रमुख कारण रहे।
मंगलवार को मण्णापुरम फाइनेंस और पीरामल एंटरप्राइजेस ने जून तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जबकि एस बैंक और वेदांता को लेकर भी बड़ी अपडेट है, जिसका असर बुधवार को इनके शेयरों पर देखने को मिल सकता है।
इस हफ्ते हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, हीरो मोटोकॉर्प और IRCTC जैसी कई बड़ी कंपनियां अपने जून तिमाही के रिजल्ट जारी करेंगी। इन रिजल्ट का शेयर बाजार पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
गुरुवार को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली, सेंसेक्स 582 अंक और निफ्टी 180 अंक फिसल गया। RBI द्वारा रेपो रेट में कोई बदलाव न करने, अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट और अन्य वैश्विक कारणों ने बाजार को प्रभावित किया।
5 अगस्त को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, सेंसेक्स 2500 अंक से ज्यादा लुढ़क गया। अमेरिका में मंदी की आहट और इजराइल-ईरान युद्ध की आशंका को इसकी वजह माना जा रहा है। रियल्टी सेक्टर में सबसे ज़्यादा गिरावट देखने को मिली।
शेयर बाजार में 5 अगस्त को कोहराम मच गया। सेंसेक्स जहां 2500 अंक टूटा तो वहीं निफ्टी में भी 760 अंकों से ज्यादा की गिरावट है। मार्केट क्रैश की सबसे बड़ी वजह अमेरिका में मंदी की दस्तक और मध्य-एशिया में ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को माना जा रहा है।
हफ्ते के पहला दिन ही शेयर बाजार ढेर हो गया। मिडिल ईस्ट में ईरान-इजराइल के बीच युद्ध की आशंका और अमेरिका में मंदी की आहट के चलते स्टॉक मार्केट में हाहाकार मच गया। चौतरफा बिकवाली के चलते सेंसेक्स में 1900 और निफ्टी में 600 अंकों की गिरावट है।
पिछले हफ्ते के आखिरी दिन शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के चलते निवेशक अब भी डरे हुए हैं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इस हफ्ते बाजार की चाल कैसी रहेगी। जानते हैं बाजार की दिशा तय करने वाले 4 प्रमुख फैक्टर कौन-से रहेंगे।