वित्तीय वर्ष 2025-26 में यूपी खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने रिकॉर्ड उपलब्धियां हासिल कीं। पीएमईजीपी सहित विभिन्न योजनाओं से 32 हजार से अधिक रोजगार सृजित हुए। कौशल, विपणन और खादी उत्पादों को नई पहचान मिली।
लखनऊ। वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में विभाग ने विभिन्न योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कर रोजगार, कौशल विकास और विपणन के क्षेत्र में नई उपलब्धियां दर्ज की हैं। अधिकांश योजनाओं में लक्ष्य से अधिक प्रगति हुई है, जो ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के विजन को साकार करती है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से 32 हजार से अधिक रोजगार
ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत वर्ष 2025-26 में लक्ष्य से अधिक 2,994 ग्रामोद्योग इकाइयों की स्थापना, 32,384 लोगों को रोजगार का सृजन किया गया। जबकि इस योजना के अंतर्गत लक्ष्य केवल 2,482 इकाइयों और 27,302 रोजगार का था।
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना से युवाओं को लाभ
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत प्रदेश में 94 नई इकाइयों की स्थापना, 2,586 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में अहम साबित हो रही है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन योजना का प्रभावी संचालन
पं. दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के अंतर्गत-
- प्रदेश की 219 खादी ग्रामोद्योग संस्थाएं लाभान्वित
- 66,859 कारीगरों को सीधा फायदा
इसके साथ ही सूती और ऊनी वस्त्रों के प्रोत्साहन के तहत 7,448 कम्बलों का उत्पादन किया गया।
ग्रामोद्योग रोजगार योजना से 1,092 इकाइयों को संबल
पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश की 1,092 ग्रामोद्योग इकाइयों को सहायता प्रदान की गई। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लघु और कुटीर उद्योगों को नई गति मिली और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े।
निफ्ट के सहयोग से खादी में डिजाइन और गुणवत्ता सुधार
खादी वस्त्रों को आधुनिक और युवाओं के अनुरूप बनाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT), रायबरेली के सहयोग से डिजाइनिंग, कटिंग, सिलाई और पैकेजिंग का प्रशिक्षण, पिछले वर्ष 40 युवा कारीगरों को प्रशिक्षण, वर्ष 2025-26 में 30 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया।
खादी उत्पादों के मानकीकरण और कौशल विकास पर जोर
खादी उत्पाद विकास, मानकीकरण एवं गुणवत्ता विनिश्चय अभियान के तहत 59 लाख रुपये की लागत, 245 व्यक्तियों को प्रशिक्षण और उपकरण वितरण किया गया। इसके अलावा कौशल सुधार प्रशिक्षण योजना के तहत 8,750 लाभार्थियों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
मंडल और तहसील स्तर पर खादी प्रदर्शनियां
खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए 18 मंडलों में प्रदर्शनियां, 351 तहसीलों में जागरूकता कार्यक्रम और कुल 755 लाख रुपये व्यय किया गया। इससे ग्रामीण उद्यमियों की बाजार तक पहुंच बढ़ी और उनकी आय में भी वृद्धि हुई।
उत्कृष्ट उद्यमियों को पुरस्कार देकर किया गया प्रोत्साहन
निर्यात, विपणन और उत्कृष्ट कार्य करने वाले लघु एवं कुटीर उद्यमियों और संस्थाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की ये उपलब्धियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की दिशा में मजबूत आधार बन रही हैं।


