UP एटीएस ने वाराणसी के एक आदमी को पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने, संवेदनशील डेटा साझा करने और सोशल मीडिया के माध्यम से चरमपंथी प्रचार फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
UP ATS arrested Varanasi Man: पाकिस्तानके लिए जासूसी करने के आरोप में देश के विभिन्न कोनों में गिरफ्तारियों का दौर जारी है। एक दर्जन से अधिक महिलाओं-पुरुषों को अरेस्ट किया जा चुका है। गुरुवार को यूपी एटीएस ने बनारस में एक नई गिरफ्तारी की है। एटीएस ने गुरुवार को वाराणसी के एक व्यक्ति को पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने और विदेशी गुर्गों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया। तुफैल नाम के आरोपी पर पाकिस्तान में रहने वाले लोगों को रणनीतिक डेटा और प्रमुख भारतीय स्थानों की तस्वीरें भेजने का आरोप है।
600 पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में था तुफैल
अधिकारियों के अनुसार, तुफैल कथित तौर पर लगभग 600 पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में था। उस पर राजघाट, नमो घाट, ज्ञानवापी, वाराणसी रेलवे स्टेशन और दिल्ली के लाल किले सहित उच्च-सुरक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों की तस्वीरें साझा करने का आरोप है।
जांच से यह भी पता चला कि तुफैल कई व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय था, जहां वह कथित तौर पर तहरीक-ए-लब्बैक के चरमपंथी नेता मौलाना साद रिजवी के वीडियो प्रसारित करता था। अधिकारियों का दावा है कि उसने इन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल भड़काऊ संदेशों को फैलाने के लिए किया, जिसमें बाबरी मस्जिद विवाद पर बदला लेने का आह्वान और शरिया कानून लागू करने की मांग शामिल है।
पाकिस्तानी महिला से संपर्क, पति सेना में अधिकारी
तुफैल का संपर्क नफीसा नाम की एक पाकिस्तानी महिला से भी था जिसका पति कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना में एक सेवारत अधिकारी है। कहा जाता है कि आरोपी ने एक डिजिटल माध्यम के रूप में काम किया, वाराणसी में व्हाट्सएप ग्रुप लिंक प्रसारित किए जिससे स्थानीय संपर्कों और पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क के बीच संचार की सुविधा हुई।
तुफैल उन कई लोगों में से एक है जिन्हें पिछले दो हफ्तों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जांचकर्ताओं को उत्तरी भारत में सक्रिय पाकिस्तान से जुड़े एक जासूसी नेटवर्क की मौजूदगी का संदेह है।
पाकिस्तान के 'जासूसी' नेटवर्क पर यह कार्रवाई 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देशों के बीच हाल ही में हुई दुश्मनी के बाद हुई है।