वाराणसी की सड़कों पर फैला खौफ! एक युवक नौकरी मांगने गया और लौटकर गोली चला दी! मैनेजर के चेहरे को छूती हुई निकली गोली, BHU ट्रॉमा सेंटर में मचा हड़कंप… क्या बेरोजगारी बनती जा रही है अपराध का हथियार? पढ़िए पूरी चौंकाने वाली कहानी!

Varanasi job shooting: वाराणसी के चितईपुर थाना क्षेत्र में बीती रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने सबको हैरान कर दिया। एक युवक नौकरी मांगने कोरियर कंपनी के गोदाम पहुंचा, लेकिन जब उसे कहा गया कि “कल आना”, तो वह गुस्से में चला गया। कोई सोच भी नहीं सकता था कि आधे घंटे में वह वापस लौटेगा—बंदूक लेकर।

मामूली बहस के बाद हुआ जानलेवा हमला

नसीरपुर प्रज्ञापुरम कॉलोनी स्थित एक निजी कोरियर कंपनी के गोदाम में 27 वर्षीय मैनेजर विकास तिवारी काम कर रहे थे। इसी दौरान एक युवक उनसे मिला और नौकरी की मांग की। विकास ने उसे अगली सुबह आने को कहा, लेकिन इसी दौरान दोनों के बीच बहस हो गई। युवक गुस्से में वहां से चला गया, लेकिन यह सिर्फ एक खामोशी से पहले का तूफान था।

हमलावर की वापसी और गोलीबारी

करीब आधे घंटे बाद, वही युवक फिर से वहां पहुंचा—लेकिन इस बार हाथ में पिस्टल थी। उसने बिना चेतावनी के विकास पर गोली चला दी, जो उनके चेहरे को छूती हुई निकल गई। घायल विकास खून से लथपथ जमीन पर गिर पड़े। आसपास मौजूद कर्मचारियों और लोगों में चीख-पुकार मच गई।

BHU ट्रॉमा सेंटर में भर्ती, हालत अब स्थिर

घायल विकास को तुरंत BHU ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि गोली उनके चेहरे को छूते हुए निकल गई और गहरी चोट पहुंचाई, लेकिन जान को खतरा नहीं है। अस्पताल में उनका इलाज जारी है और हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

CCTV ने खोला राज, हमलावर की हुई पहचान

पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। गोदाम में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने पर पूरी वारदात रिकॉर्ड मिली। कैमरे में युवक की स्पष्ट तस्वीर कैद हो गई है और उसकी पहचान कर ली गई है। डीसीपी गौरव बंसवाल ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी जल्द ही की जाएगी।

बेरोजगारी या मानसिक असंतुलन?

इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या बेरोजगारी युवा पीढ़ी को इतना हताश कर रही है कि वे हिंसा पर उतर आ रहे हैं? सिर्फ "कल आना" कहे जाने पर गोली चलाना मानसिक संतुलन की भी गंभीर समस्या को दर्शाता है।

इलाके में फैला दहशत का माहौल

इस गोलीकांड से पूरे चितईपुर क्षेत्र में दहशत फैल गई है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि नौकरी मांगने आया युवक इतनी खतरनाक हरकत कर सकता है। व्यापारियों और कर्मचारियों में डर का माहौल है कि कोई छोटा विवाद कब बड़ा रूप ले ले।

एक गोली ने खोल दी बेरोजगारी और गुस्से की परतें

जहां देश में रोजगार के मुद्दे पहले से संवेदनशील हैं, वहीं ऐसी घटनाएं बताती हैं कि युवा कैसे अपनी हताशा को हिंसा में बदल रहे हैं। अब सवाल ये उठता है—क्या हम सही समय पर उन्हें दिशा दे पा रहे हैं?