सार
उत्तर प्रदेश में RISE ऐप (Rapid Immunization Skill Enhancement) लागू कर दिया गया है।
RISE app: देश के हेल्थ सिस्टम में यूपी एक और सफलता हासिल करने जा रहा है। यूपी अब अपने राज्य के बच्चों के वैक्सीनेशन को डिजिटली मॉनिटर करने वाला राज्य होगा। RISE ऐप (Rapid Immunization Skill Enhancement) को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस ऐप से राज्य के एक-एक बच्चे के वैक्सीनेशन की डिटेल एक क्लिक पर अपडेट मिलेगी। इसके लिए स्टाफ नर्स, एएनएम (ANM) और हेल्थ विजिटर स्पेशल ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है।
कैसे करेगा काम RISE ऐप?
यह ऐप स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीनेशन कार्यक्रम की मॉनिटरिंग, सेशन मैनेजमेंट, वैक्सीन्स की सिक्योरिटी, कोल्ड चेन मैनेजमेंट और ऑफ्टर वैक्सीनेशन इफेक्ट पर नजर रखने में मदद करेगा। इसके अलावा जो माता-पिता टीकाकरण से इनकार करते हैं, उनकी जानकारी भी ऐप के माध्यम से दर्ज की जाएगी ताकि समय रहते उन्हें जागरूक कर बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सके।
RISE ऐप की ट्रेनिंग प्रॉसेस
स्टेट इम्यूनाइजेशन अफसर डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि यह ऐप स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के स्किल एन्हेंसमेंट और वर्किंग सिस्टम में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया है। रेगुलर वैक्सीनेशन प्रॉसेस में समय-समय पर बदलाव होते हैं जिनमें नई तकनीकों और दिशा-निर्देशों को शामिल किया जाता है। RISE ऐप के माध्यम से ये अपडेट तेजी से स्वास्थ्य कर्मियों तक पहुंचाए जाएंगे, जिससे वैक्सीनेशन प्रोग्राम अधिक प्रभावी होगा।
181 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट सफल
डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि पहले देश के 181 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस ऐप को लागू किया गया था। इन जिलों में इस ऐप का पॉजिटिव रिजल्ट रहा। अब इसे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में लागू कर दिया गया है।
52,175 वैक्सीनेशन वर्कर्स को मिलेगी ट्रेनिंग
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो ऐप को इंस्टॉल करने और वर्किंग सिस्टम को समझने के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। ब्लॉक लेवल पर ट्रेनिंग चल रही है। इस प्रक्रिया से लगभग 52,175 टीकाकरणकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि अभी तक स्वास्थ्यकर्मियों तक नए दिशा-निर्देश पहुंचाने में समय लगता था लेकिन RISE ऐप के माध्यम से ये सूचनाएं तुरंत साझा की जा सकेंगी।
पांच मॉड्यूल में ट्रेनिंग
- पूरी प्रशिक्षण प्रक्रिया को 5 मॉड्यूल में विभाजित किया गया है।
- प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी हर 15 दिन पर पांचों मॉड्यूल की ट्रेनिंग देंगे।
- प्रशिक्षण का पूर्व एवं पश्चात आकलन (Assessment) किया जाएगा।
ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र भी मिलेगा
प्रशिक्षण के बाद मिलने वाले अंकों के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे:
- 85-100% अंक प्राप्त करने वालों को गोल्ड प्रमाणपत्र
- 70-85% अंक प्राप्त करने वालों को रजत प्रमाणपत्र
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