सार
भारत में एनजीओ की भूमिका: कैसे बनाएं NGO, कहां कराएं रजिस्ट्रेशन, कैसे मिलता है फंड, जानें NGO के बारे में सबकुछ…
The role of NGOs in India: भारत में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। ये संगठन सामाजिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। एनजीओ सरकार और समाज के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं और उन क्षेत्रों में बदलाव लाने का प्रयास करते हैं जहां सरकारी नीतियां पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो पातीं। सुलभ इंटरनेशनल, देश में कई दशकों से स्वच्छता अभियान में महत्वपूर्ण भूमाका निभा रहा है। इसी तरह देश में तमाम ऐसे एनजीओ हैं जो समूहों के माध्यम से देश की महिलाओं को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे। पीएम मोदी भी सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की मंच से तारीफ कर चुके हैं। भारत सरकार भी एनजीओ और ऐसे समूहों जोकि देश के विकास में योगदान दे रहे हैं, उनकी मदद कर रही है।
यदि आप भी समाज सेवा के उद्देश्य से एक एनजीओ शुरू करना (How to start a NGO) चाहते हैं, तो इसके लिए सही प्रॉसेस और रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि भारत में एनजीओ बनाने का प्रॉसेस क्या है और रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है।
एनजीओ क्या है और इसकी जरूरत क्यों है? (What is NGO, why it is necessary)
एनजीओ एक स्वतंत्र संगठन होता है जो सोशल, एन्वायरनमेंटल, कल्चरल या एजुकेशनल उद्देश्यों को पूरा करने के लिए काम करता है। भारत में लाखों एनजीओ एक्टिव हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
एनजीओ की जरूरत इसलिए होती है क्योंकि...
-सरकार अकेले सभी सामाजिक समस्याओं को हल नहीं कर सकती।
-वे समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाते हैं।
-शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देते हैं।
-स्थानीय स्तर पर प्रभावी ढंग से सामाजिक सेवाएं प्रदान करते हैं।
भारत में एनजीओ के प्रकार (Types of NGOs)
भारत में एनजीओ मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
1. ट्रस्ट (Trust): यह धार्मिक, सामाजिक और दान कार्यों के लिए होता है।
2. सोसाइटी (Society): यह एक ग्रुप के रूप में कार्य करता है और इसका उद्देश्य शिक्षा, कला, विज्ञान और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देना होता है।
3. धारा 8 कंपनी (Section 8 Company): यह गैर-लाभकारी कंपनियों के लिए होती है, जो किसी भी लाभ को पुनः सामाजिक कार्यों में इन्वेस्ट करती हैं।
एनजीओ शुरू करने के लिए आपको क्या करना होगा? (How to start a NGO)
1. लक्ष्य और उद्देश्य तय करें:
सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि आपका एनजीओ किस उद्देश्य के लिए काम करेगा। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, बाल विकास, पर्यावरण या अन्य किसी सामाजिक काम के लिए बनाया गया है। अगर आपका एनजीओ का उद्देश्य तय हो गया तो समझिए आपने आधी दूरी तय कर ली।
2. एनजीओ का नाम और स्ट्रक्चर तय करें:
हर एनजीओ का एक नाम होता है। आपको भी एक नाम तय करना होगा। इसी नाम से एनजीओ का रजिस्ट्रेशन होता है। यह तय करें कि आपका एनजीओ ट्रस्ट, सोसाइटी या धारा 8 कंपनी के रूप में कार्य करेगा।
3. सदस्यों का चयन करें:
एक एनजीओ को न्यूनतम 3-7 सदस्यों की आवश्यकता होती है। सदस्यों को उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए।
एनजीओ पंजीकरण की प्रक्रिया (NGO registration process)
एनजीओ को आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त करने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित प्रॉसेस अपनाई जाती हैं:
1. ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन (Trust Registration)
ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत किया जाता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज:
- ट्रस्ट डीड (Trust Deed)
- न्यासी (Trustees) की सूची
- पैन कार्ड और आधार कार्ड
- पंजीकरण शुल्क
2. सोसाइटी रजिस्ट्रेशन (Society Registration)
सोसाइटी पंजीकरण सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत किया जाता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज:
- सोसाइटी मेमोरेंडम (Memorandum of Association)
- रूल्स एंड रेगुलेशन (Rules & Regulations)
- न्यूनतम 7 सदस्यों की सूची
- सदस्यों के पते का प्रमाण
3. धारा 8 कंपनी पंजीकरण ((Section 8 Company Registration)
धारा 8 कंपनी को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत किया जाता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज:
- निदेशकों का पैन कार्ड और आधार कार्ड
- MOA (Memorandum of Association) और AOA (Articles of Association)
- रजिस्टर्ड ऑफिस का प्रमाण
कहां कराएं रजिस्ट्रेशन (Where NGO registered)
एनजीओ का रजिस्ट्रेशन, भारत के राज्यों में रजिस्ट्रार फर्म सोसाइीज एंड चिट्स के ऑफिस में होता है। आपको इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एनजीओ के रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स के साथ फीस जमा करनी होती है। फीस जमा होने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी। इसके बाद जांच में अगर सबकुछ सही मिला तो आपको एनजीओ रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। रजिस्टर्ड एनजीओ का हर तीन से पांच साल पर रिन्यूवल भी होता है।
भारत में प्रमुख एनजीओ और उनके कार्य (India's fampus NGOs)
1. सुलभ इंटरनेशनल: स्वच्छता के लिए कई दशक से यह काम कर रहा है। स्वर्गीय बिंदेश्वर पाठक द्वारा स्थापित सुलभ एनजीओ के तहत देशभर में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया।
2. गूंज: पुराने कपड़ों की रिसाइकलिंग और ग्रामीण विकास में सक्रिय।
3. अक्षय पात्र फाउंडेशन: स्कूलों में मिड-डे मील उपलब्ध कराने का कार्य करता है।
4. हेल्पएज इंडिया: सीनियर सिटीजन की देखभाल और सहायता के लिए कार्य करता है।
5. स्माइल फाउंडेशन: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान देता है।
एनजीओ के सामने आने वाली चुनौतियां और समाधान (NGOs challenges and solutions)
1. फाइनेंशियल चुनौतियां (Financial challenges): फंडिंग की कमी एनजीओ के लिए सबसे बड़ी समस्या होती है। इसका समाधान CSR फंडिंग और सरकारी योजनाओं से सहयोग लेना है।
2. कानूनी बाधाएं (legal hinderance): कई एनजीओ उचित कानूनी मार्गदर्शन के अभाव में रजिस्ट्रेशन और संचालन में समस्याओं का सामना करते हैं। विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है।
3. जन जागरूकता की कमी (Lack of Awareness): समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग किया जा सकता है।
एनजीओ को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए टिप्स (Tips fo running a successful NGO)
1. सशक्त नेतृत्व: प्रभावी नेतृत्व एनजीओ की सफलता की कुंजी है।
2. स्थानीय समुदाय से जुड़ाव: लोगों के साथ संवाद बनाए रखें और उनकी समस्याओं को समझें।
3. सोशल मीडिया का उपयोग करें: जागरूकता बढ़ाने और दानदाताओं तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग करें।
4. पारदर्शिता बनाए रखें: वित्तीय पारदर्शिता और रिपोर्टिंग को प्राथमिकता दें।