सार
वाह रे UP पुलिस! फिरोजाबाद में चोरी के केस में पुलिस ने आरोपी की जगह जज का नाम नोटिस में लिख दिया और उन्हें ढूंढने निकल पड़ा। कोर्ट ने पुलिस की लापरवाही पर सख्त टिप्पणी की।
UP Police News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने न केवल पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि न्यायपालिका तक को हैरान कर दिया है। यहां चोरी के एक केस में एक आरोपी की तलाश करने की जिम्मेदारी जिन पुलिसकर्मियों को सौंपी गई थी, उन्होंने गलती से उस आरोपी की जगह खुद जज को ही खोजने निकल पड़े।
SI बनवारीलाल की रिपोर्ट पर क्यों मचा हंगामा?
मामला एक चोरी के केस से जुड़ा है, जिसमें कोर्ट ने आरोपी राजकुमार के खिलाफ उद्घोषणा (Proclamation under Section 82 CrPC) जारी की थी। इस आदेश को तामील कराने की जिम्मेदारी थाना टूंडला में पदस्थ उपनिरीक्षक बनवारीलाल को दी गई थी। लेकिन जब SI बनवारीलाल ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी, तो उसमें लिखा था कि — "पूरी कोशिश और तलाशी के बावजूद आरोपी 'नगमा खान' अपने पते पर नहीं मिली, कृपया आगे के आदेश पारित करें।" अब यहां हैरानी की बात ये है कि नगमा खान इस केस में आरोपी नहीं बल्कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) हैं, जिन्होंने यह उद्घोषणा आदेश जारी किया था।
डिस्ट्रिक कोर्ट का तीखा रुख, SSP को दिए निर्देश
इस गलती को देखकर खुद न्यायाधीश नगमा खान ने सख्त रुख अपनाते हुए 24 मार्च को अपने आदेश में लिखा: "यह अत्यंत विचित्र और चिंताजनक है कि एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को यह भी नहीं पता कि अदालत ने आदेश किसके खिलाफ भेजा, और किसने भेजा।" उन्होंने आगे कहा कि SI बनवारीलाल ने बिना आदेश को ठीक से पढ़े, उद्घोषणा को "ग़ैर-जमानती वारंट (NBW)" समझ लिया और नाम के स्थान पर पीठासीन अधिकारी का ही नाम भर दिया। उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही और पुलिस महकमे की बुनियादी ट्रेनिंग की कमी का प्रतीक बताया।
"किसी की भी आज़ादी कुचल सकते हैं ऐसे अधिकारी": कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इस तरह के लापरवाह पुलिस अधिकारी अगर ऐसे ही बचते रहे, तो वे भविष्य में किसी भी निर्दोष व्यक्ति की आज़ादी और मौलिक अधिकारों को कुचल सकते हैं। अदालती नोटिस तामील करने वाले पुलिस कर्मियों से "उच्चतम स्तर की सावधानी" की अपेक्षा की जाती है।
दारोगा बनवारीलाल पर होगी कार्रवाई, कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बनवारीलाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जा सके।