सार
Who is Shakti Dubey: यूपीएससी परीक्षा 2024 में प्रयागराज की शक्ति दुबे ने टॉप किया है। पांचवें प्रयास में सफलता पाकर उन्होंने लाखों उम्मीदवारों को पीछे छोड़ा। पिछली बार इंटरव्यू तक पहुंची शक्ति महज 12 नंबर से चूक गई थीं।
Shakti Dubey Prayagraj success: कभी सपने आंखों में पलते हैं, और कभी वो हकीकत बनकर देश की सुर्खियां बन जाते हैं। मंगलवार की सुबह जैसे ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 का रिजल्ट जारी हुआ, प्रयागराज की शक्ति दुबे का नाम हर ओर गूंजने लगा। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में देशभर के लाखों अभ्यर्थियों को पीछे छोड़ते हुए शक्ति ने टॉप किया है। शक्ति दुबे ने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था और अपने पांचवें प्रयास में इतिहास रच दिया। इस बार कुल 1009 उम्मीदवारों ने यूपीएससी परीक्षा पास की है, लेकिन शक्ति की सफलता सबसे खास है, क्योंकि इसमें छिपी है एक लंबी संघर्ष गाथा।
"रिजल्ट देख लगा जैसे सपना चल रहा है"
जब रिजल्ट आया, तो शक्ति सबसे पहले अपने पापा को कॉल किया। फिर मम्मी को खबर दी, लेकिन उन्हें कुछ देर तक विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने बताया, "मैं लिस्ट देखकर घबरा गई थी, लगा कहीं कुछ गलत तो नहीं है। बाद में इंस्टिट्यूट से कॉल आया और उन्होंने रोल नंबर क्रॉस चेक कर पुष्टि की कि मैं ही टॉपर हूं।"
पिछली बार 12 नंबर से चूकी थीं, लेकिन हार नहीं मानी
शक्ति की सफलता की राह आसान नहीं रही। पिछले साल वह इंटरव्यू तक पहुंची थीं, लेकिन फाइनल कट-ऑफ से सिर्फ 12 नंबर पीछे रह गईं। हार मानने के बजाय उन्होंने तैयारी और मजबूत की। शक्ति ने बताया,"मेरे भाई ने कहा था कि मैं एक दिन टॉप करूंगी। उनकी बात सही साबित हुई।"
पिता ने निभाई अहम भूमिका
शक्ति दुबे के पिता देवेंद्र कुमार दुबे ने बेटी की कामयाबी पर कहा,"मैंने बस उसकी जरूरतें पूरी कीं, बाकी सब उसकी मेहनत और भगवान का आशीर्वाद था। आज उसका सपना और हमारा गर्व एक साथ पूरा हुआ है।"
देशभर से बधाइयों का तांता
यूपीएससी टॉपर बनते ही सोशल मीडिया पर शक्ति दुबे ट्रेंड करने लगीं। देशभर से राजनेताओं, शिक्षकों, पूर्व सिविल सेवकों और आम जनता ने उन्हें बधाइयां दीं। प्रयागराज का नाम एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में रोशन हुआ है। यह कहानी सिर्फ एक टॉपर की नहीं, बल्कि उस जिद की है जो बार-बार गिरकर भी उठती है। शक्ति दुबे अब लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं, कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।