सार
UPPCL: बिजली विभाग के अध्यक्ष ने आदेश दिया है कि अब बिजली कर्मचारियों के घरों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही बिल वसूली पर ज़ोर देते हुए कहा गया है कि जितनी बिजली दी जाए, उतना पैसा वसूला जाए।
power department smart meter installation : जिस तकनीक को आम उपभोक्ता के लिए सुविधा और पारदर्शिता का जरिया बताया जा रहा है, अब वही तकनीक खुद बिजली विभाग के कर्मचारियों के दरवाजे पर दस्तक देने को तैयार है। स्मार्ट मीटर, जो अब तक आम लोगों के घरों में लगाए जा रहे थे, अब बिजलीकर्मियों के घरों में भी लगाए जाएंगे, और यह आदेश किसी और का नहीं, बल्कि पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष का है। लेकिन ये कदम केवल एक औपचारिकता नहीं है, इसके पीछे है एक बड़ा संदेश, "हर घर एक समान, चाहे वह अधिकारी का हो या आम नागरिक का।"
पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ने मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि विभागीय कर्मचारियों के घरों में भी स्मार्ट मीटर केवल काउंटिंग के लिए लगाए जाएंगे। इससे उनकी मौजूदा सुविधाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सभी संगठनों की सहमति से लिया गया है।
"बिल वसूली पर फोकस: जितनी बिजली दो, उतना पैसा लो"
बैठक में अध्यक्ष ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि बिजली बिल वसूली को प्राथमिकता दी जाए। "हम जितनी बिजली दे रहे हैं, उतना राजस्व भी वसूला जाना चाहिए," उन्होंने कहा। जो अधिकारी लक्ष्य के अनुसार प्रदर्शन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
"सरकारी दफ्तरों में भी तेजी से लगेंगे स्मार्ट मीटर"
पावर कॉर्पोरेशन ने अब सरकारी कार्यालयों में भी स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। स्मार्ट मीटरिंग से उपभोक्ताओं को बिलिंग में पारदर्शिता और समय पर सूचना मिलने में मदद मिलेगी।
अध्यक्ष ने गर्मियों में संभावित बिजली संकट को देखते हुए अधिकारियों को सजग रहने और किसी भी कटौती की स्थिति में उपभोक्ताओं को समय से सूचना देने के निर्देश दिए।
"चिनहट में 3 घंटे की बिजली कटौती पर अधिकारी को फटकार"
बैठक में लखनऊ के चिनहट इलाके में तीन घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने का मुद्दा भी उठा। इस पर अध्यक्ष ने संबंधित अधिशासी अभियंता को फटकार लगाई और उनसे स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने सवाल उठाया कि अवर अभियंता ने समय रहते सूचना क्यों नहीं दी और आप ने उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिजली आपूर्ति में रुकावट को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।
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