सार
What will change in UP from April 1: यूपी में 1 अप्रैल से टोल टैक्स, एमएसएमई नियम, मनरेगा, जीएसटी और अन्य टैक्स में बदलाव! जानें आप पर क्या असर होगा।
Uttar Pradesh new rules 2025: 1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही उत्तर प्रदेश में कई बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इन बदलावों का असर आम आदमी, व्यापारियों और सरकार की कमाई पर पड़ेगा। टोल टैक्स बढ़ने से लेकर मनरेगा में नई व्यवस्था तक, कई महत्वपूर्ण नियम बदलने जा रहे हैं।
1. टोल टैक्स में बढ़ोतरी – सफर होगा महंगा
उत्तर प्रदेश के नेशनल हाईवे पर सफर करना अब और महंगा हो जाएगा। लखनऊ, नवाबगंज, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या और रायबरेली के रास्तों पर टोल टैक्स बढ़ाया जा रहा है। यहां से गुजरने वाली गाड़ियों को अब प्रति ट्रिप 5 से 10 रुपये अधिक टोल देना होगा। इसका सीधा असर लाखों यात्रियों पर पड़ेगा।
2. एमएसएमई के लिए नया नियम – हर 6 महीने में देना होगा रिटर्न
एमएसएमई से व्यापार करने वाले सभी कंपनियों को अब हर छह महीने में सरकार को रिपोर्ट देनी होगी। रिपोर्ट में यह बताना होगा कि 45 दिनों के भीतर कितनी खरीद का भुगतान किया गया और कितना बकाया है। एमएसएमई को भी यह जानकारी देनी होगी कि उसने कितने माल की बिक्री की और कितना भुगतान अब तक नहीं हुआ।
3. मनरेगा में फेस रीडिंग – हाजिरी लगाने के नए नियम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब फेस रीडिंग तकनीक से हाजिरी लगेगी। उत्तर प्रदेश के 491 ग्राम पंचायतों में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके तहत करीब 1.56 लाख मजदूरों की उपस्थिति अब मोबाइल एप के जरिए दर्ज होगी।
4. जीएसटी नियमों में बदलाव – कारोबारियों के लिए सख्ती
जीएसटी के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब जिन व्यापारियों का सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें 30 दिनों के भीतर इनवॉइस जारी करनी होगी। तय समय के बाद इनवॉइस जारी नहीं की जा सकेगी। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
5. होटल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और सेकेंड-हैंड कारों पर बढ़ा टैक्स
- बड़े होटलों में ₹7500 से अधिक किराए वाले कमरे में ठहरने वालों को अब वहां के रेस्तरां में भोजन करने पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल पर लगने वाला जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
- सेकेंड-हैंड कार खरीदने वालों को अब अधिक जीएसटी देना होगा, जिससे पुरानी कारों का बाजार प्रभावित हो सकता है।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार का मानना है कि ये बदलाव अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए किए जा रहे हैं। वहीं, आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इससे व्यापारियों और आम जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।
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