सार

UP के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर देश की पहली नाइट लैंडिंग एयर स्ट्रिप तैयार की गई है। 3.5 किमी लंबी इस हवाई पट्टी पर 2-3 मई को लड़ाकू विमानों की नाइट लैंडिंग का प्रदर्शन होगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा में मील का पत्थर है।

Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर देश की सैन्य और नागरिक उन्नति में अग्रणी भूमिका निभाई है। शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे पर 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी तैयार कर दी गई है, जहां रात में भी लड़ाकू विमान उतर सकेंगे। यह देश की पहली एयर स्ट्रिप है जो नाइट लैंडिंग ऑपरेशन के लिए सक्षम है।

कैसे खास है यह हवाई पट्टी?

  1. स्थान: शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश
  2. लंबाई: 3.5 किलोमीटर
  3. उद्देश्य: भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की रात में लैंडिंग
  4. विशेषता: भारत की पहली रात लैंडिंग एयर स्ट्रिप

इस हवाई पट्टी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि रात में भी सुखोई, राफेल जैसे एडवांस फाइटर जेट्स सुरक्षित तरीके से लैंड कर सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इस हाईटेक हवाई पट्टी का दौरा किया। उन्होंने इसे राज्य की सुरक्षा, संप्रभुता और तकनीकी उन्नति की दिशा में “ऐतिहासिक कदम” बताया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर तकनीकी और सुरक्षा पहलू को समय रहते पूरा किया जाए और एयरफोर्स के ट्रायल्स के लिए सभी व्यवस्थाएं पुख्ता हों।

2 और 3 मई को होगा एयर शो, दिखेगा ताकत का प्रदर्शन

गंगा एक्सप्रेसवे की इस हवाई पट्टी पर 2 और 3 मई को भारतीय वायुसेना का एयर शो आयोजित किया जाएगा। इसमें रात के समय लड़ाकू विमानों की लाइव लैंडिंग और टेकऑफ का प्रदर्शन होगा। लोगों को पहली बार यह देखने को मिलेगा कि कैसे अंधेरे में भी IAF के पायलट बेहतरीन नियंत्रण और तकनीक से विमान को सुरक्षित उतारते हैं।

सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे 250 से ज्यादा CCTV कैमरे

इस एयरस्ट्रिप और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज़ से 250 से अधिक हाई-रिजॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। हर गतिविधि पर नज़र रखने के लिए 24x7 मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जा रहा है।

गंगा एक्सप्रेसवे: 594 किमी की बुलेट स्पीड प्रगति

  1. कुल लंबाई: 594 किमी
  2. मार्ग: मेरठ से प्रयागराज तक
  3. कुल लागत: ₹36,230 करोड़
  4. डेडलाइन: नवंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना

गंगा एक्सप्रेसवे में कुल कितनी लेन हैं ?

गंगा एक्सप्रेसवे पर कुल 12 लेन की क्षमता होगी, जिसमें से 6 लेन का काम प्रगति पर है। इस परियोजना से यात्रा का समय आधा होगा, और सामरिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी।

रक्षा तैयारियों में उत्तर प्रदेश बना अग्रणी राज्य

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह की हवाई पट्टियाँ युद्ध या आपातकाल की स्थिति में बेहद उपयोगी साबित होंगी। गंगा एक्सप्रेसवे पर यह सुविधा यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश केवल विकास ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी अग्रणी है।

क्या बोले विशेषज्ञ?

पूर्व वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) अनिल कपूर का कहना है: “इस तरह की सुविधाएं हमारे एयरक्राफ्ट को तेजी से रि-डिप्लॉय करने की क्षमता देती हैं। यह कदम दुश्मनों को कड़ा संदेश है।”

गंगा एक्सप्रेसवे बना भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक

गंगा एक्सप्रेसवे की यह हवाई पट्टी सिर्फ एक कंक्रीट की पट्टी नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की रक्षा रणनीति, तकनीकी आत्मनिर्भरता और उत्तर प्रदेश के विजन का प्रतीक है। आने वाले समय में यह हवाई पट्टी देश के कई हिस्सों में रोल मॉडल बन सकती है।