UP Fish Farming Opportunity: उत्तर प्रदेश के मछली पालकों के लिए बड़ी खबर है। अगर आप तमसा नदी के आसपास रहते हैं और मछली पालन में रुचि रखते हैं, तो यह मौका आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मऊ जिले की दो प्रमुख तहसीलों में मछली पकड़ने के अधिकार की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिससे जुड़कर आप हर महीने अच्छी आमदनी कर सकते हैं।

दो तहसीलों में होगी नीलामी, किसान उठा सकते हैं लाभ

मऊ जिले की सदर तहसील और मुहम्मदाबाद गोहना तहसील में मत्स्य विभाग नीलामी आयोजित करेगा। इसके तहत नदी के एक-एक खंड को 1 वर्ष के लिए पट्टे पर दिया जाएगा, जिसके जरिए मछली पालक कानूनी रूप से नदी से मछलियां पकड़कर बाज़ार में बेच सकते हैं।

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नीलामी की तारीखें इस प्रकार हैं:

सदर तहसील में:

  • 15 जुलाई 
  • 22 जुलाई 
  • 29 जुलाई

मुहम्मदाबाद गोहना तहसील में:

  • 16 जुलाई
  • 23 जुलाई
  • 30 जुलाई

कैसे लें नीलामी में भाग? जानें पूरी प्रक्रिया

नीलामी में भाग लेने के लिए आपके पास मत्स्य पालन विभाग से पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) होना अनिवार्य है। यदि आप पहले से विभाग से जुड़े हैं, तो आप आसानी से पात्रता के तहत नीलामी में भाग ले सकते हैं।हर व्यक्ति एक ही खंड के लिए आवेदन कर सकता है, और इसके लिए जरूरी दस्तावेज संबंधित तहसील कार्यालय में जमा करने होंगे। एक खंड की लंबाई 8 किलोमीटर तक निर्धारित की गई है।

कब तक मिलेगा अधिकार?

इस नीलामी में चयनित व्यक्ति को 1 वर्ष के लिए मछली पालन का अधिकार मिलेगा, जो कि 30 जून 2026 तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद अगली नीलामी की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी।

कौन-कौन कर सकता है आवेदन?

  1. वे लोग जो मछली पालन में रुचि रखते हैं और मत्स्य विभाग से पंजीकृत हैं
  2. मत्स्य जीवि सहकारी समितियां
  3. वे किसान जो नदी से जुड़ी भूमि या संसाधनों के पास रहते हैं और अतिरिक्त आय का साधन ढूंढ रहे हैं

क्यों है ये मौका खास?

  • कानूनी रूप से मछली पकड़ने की अनुमति
  • लोकल मार्केट में सीधी सप्लाई की सुविधा
  • खेती के साथ-साथ आय का वैकल्पिक स्रोत
  • सरकारी निगरानी में निष्पक्ष नीलामी

अगर आप मछली पालन में रुचि रखते हैं और तमसा नदी किनारे रहते हैं, तो यह मौका हाथ से न जाने दें। एक साल तक कानूनी रूप से नदी से मछली पकड़ने और बेचने का मौका आपके भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकता है। मऊ का मत्स्य विभाग इस पहल के ज़रिए ना केवल ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि नदियों के संसाधनों का समुचित उपयोग भी सुनिश्चित कर रहा है।

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