online student attendance: यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में अब 9वीं से 12वीं तक ऑनलाइन हाजिरी होगी। शिक्षकों और कर्मचारियों की भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इससे फर्जी नामांकन और घोस्ट स्टूडेंट्स पर लगाम लगेगी।
UP Board online attendance: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा का चेहरा बदलने जा रहा है। 1 जुलाई 2025 से राज्य के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य कर दी गई है। इस नए डिजिटल तंत्र के जरिए अब सिर्फ छात्रों ही नहीं, बल्कि शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भी हाजिरी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
फर्जी नामांकन और घोस्ट स्टूडेंट्स पर लगेगा लगाम
लंबे समय से स्कूलों में फर्जी नामांकन और घोस्ट स्टूडेंट्स (जो नाम में होते हैं लेकिन कक्षा में नहीं) की शिकायतें सामने आती रही हैं। यह नई डिजिटल उपस्थिति प्रणाली इन अनियमितताओं पर सीधा प्रहार करेगी। अब हर छात्र की वास्तविक हाजिरी राज्य स्तर पर रिकॉर्ड होगी, जिससे सरकारी योजनाओं के लाभ भी सही छात्रों तक पहुंच सकेंगे।
अब तक की व्यवस्था में स्कूल की मर्जी से उपस्थिति दर्ज होती थी। लेकिन इस तकनीकी बदलाव से गैरहाजिर छात्रों की तत्काल पहचान संभव हो पाएगी। यह प्रबंधन को उन छात्रों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देगा, जो केवल नामांकन कराकर कक्षाओं से दूरी बनाए रखते हैं।
यह भी पढ़ें: 82 KM का सफर, 1 घंटे से भी कम में? नमो भारत का सुपरफास्ट ट्रायल रन सफल
अनुशासन और पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा, निजी स्कूलों में भी बढ़ेगी निगरानी
ऑनलाइन हाजिरी से विद्यालयों में अनुशासन की भावना को बढ़ावा मिलेगा। अब उपस्थिति के आंकड़े ऑनलाइन होंगे, जो कभी भी अधिकारियों द्वारा जांचे जा सकेंगे। इससे छात्रों में नियमितता और समय पालन की आदत बनेगी और स्कूल प्रशासन की जवाबदेही भी तय होगी।
निजी स्कूलों पर अक्सर नामांकन और उपस्थिति में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। अब नई प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी स्कूल फर्जी रिपोर्टिंग न कर सके। इससे शिक्षा की गुणवत्ता नियंत्रण में राज्य सरकार की पकड़ और मजबूत होगी।
UP Board इस डिजिटल बदलाव को सुचारु रूप से लागू करने के लिए 23 जून को प्रयागराज में प्रजेंटेशन आयोजित कर रहा है। कार्यदायी संस्था द्वारा स्कूलों को सॉफ्टवेयर, मोबाइल ऐप और पोर्टल के इस्तेमाल का लाइव डेमो दिया जाएगा, जिससे स्कूल प्रशासन को प्रणाली समझने में मदद मिलेगी।
शिक्षाविदों की सराहना, भविष्य से उम्मीदें
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने इस कदम को शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव बताया। उन्होंने कहा कि इससे विशेष रूप से निजी स्कूलों में पारदर्शिता आएगी और छात्र हित में वातावरण बेहतर बनेगा। उम्मीद है कि इसका असर बोर्ड परीक्षा परिणामों की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक रूप से पड़ेगा।
यह भी पढ़ें: UP Weather Update: लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक बरसेंगे बादल, मौसम विभाग का ताजा अलर्ट