digital obsession suicide case: बांदा में युवक की मौत का मामला आत्महत्या निकला। महिला दोस्त से अश्लील तस्वीरें मांगने पर इनकार के बाद युवक ने खुद को गोली मार ली। पुलिस ने शुरुआती हत्या के शक को तकनीकी जांच से सुलझाया।
Banda suicide case: बांदा जिले में एक युवक की संदिग्ध गोली लगने से मौत के मामले में पुलिस ने जब तह तक जांच की, तो सच्चाई सामने आते ही सब दंग रह गए। मृतक के परिजनों ने उसके तीन दोस्तों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस को घटनास्थल से ऐसे सुराग मिले जो हत्या की जगह आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे थे।
महिला दोस्त से अश्लील तस्वीरों की मांग, इनकार पर उठाया खौफनाक कदम
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक युवक अमित कुमार, उन्नाव जिले की एक महिला के संपर्क में था। दोनों की दोस्ती फेसबुक से शुरू हुई थी और वे घंटों वीडियो कॉल पर बात करते थे। जांच में पता चला कि अमित महिला से अश्लील बातें करता था और बार-बार नग्न तस्वीरें भेजने का दबाव बना रहा था।
7 जून को जब महिला ने तस्वीर भेजने से इनकार किया, तो अमित ने पहले हवाई फायर कर उसे डराने की कोशिश की। जब महिला तब भी नहीं मानी, तो उसने अपने सीने पर मोबाइल रखकर खुद को गोली मार ली। पुलिस को मौके से एक तमंचा, एक खाली खोखा और मोबाइल फोन मिला। यह सब अमित की जेब और शरीर के पास ही था।
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कॉल डिटेल और महिला के बयान ने खोला पूरा मामला
पुलिस ने जब कॉल डिटेल्स खंगालीं और महिला से संपर्क किया तो सारा मामला साफ हो गया। महिला ने बताया कि उसने कई बार अमित को मना किया लेकिन वह जिद करता रहा। आखिरकार जब उसने फिर से इनकार किया, तो अमित ने लाइव कॉल के दौरान खुद को गोली मार ली। महिला ने कॉल पर उसे कई बार पुकारा, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उसने कॉल काट दी।
मृतक के परिजनों ने पहले अमित के दोस्तों तारा चंद्र, पप्पू और ज़ाफर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच से सच्चाई सामने आई, जिससे तीन बेगुनाह लोगों की ज़िंदगी बर्बाद होने से बच गई।
साइबर दबाव और मानसिक असंतुलन की त्रासदी
यह मामला एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया और डिजिटल संवाद के जरिए बनते रिश्तों में कितना गहराई तक मानसिक दबाव बन सकता है। अमित का यह जुनून और भावनात्मक अस्थिरता अंततः उसके जीवन का कारण बन गई।
जांच अधिकारी के अनुसार, “यह केस टेक्निकल और साइकोलॉजिकल दोनों ही स्तर पर जटिल था। समय रहते सच्चाई सामने आई, जिससे निर्दोष लोग बच गए। युवाओं को ऐसी डिजिटल गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।”
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