अनुपूरक बजट पर चर्चा में सीएम योगी ने कहा कि एमएसएमई, निवेश, निर्यात और रोजगार में यूपी ने ऐतिहासिक प्रगति की है। ब्रांडिंग, कानून व्यवस्था और पारदर्शी नीतियों से प्रदेश निवेशकों का ड्रीम डेस्टिनेशन बना है

लखनऊ। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ परंपरागत उद्योगों को मजबूत कर एमएसएमई सेक्टर को नई ताकत दी गई है। इसका सीधा असर निवेश, निर्यात और रोजगार के रूप में सामने आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने इन परंपरागत उत्पादों पर ध्यान नहीं दिया, जबकि मौजूदा सरकार ने उनकी ब्रांडिंग, पैकेजिंग और एक्सपोर्ट को प्राथमिकता दी। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार गरीब के प्रति पूरी संवेदना और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है और 25 करोड़ की आबादी के कल्याण व सुरक्षा के लिए बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है।

काला नमक चावल बना वैश्विक पहचान वाला ब्रांड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काला नमक चावल जैसे विशिष्ट उत्पाद को पहले कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। हमारी सरकार ने इसकी ब्रांडिंग, आधुनिक पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्वयं भी सजग रहते हैं। वाराणसी का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि काला नमक चावल को विशेष ब्रांड के रूप में स्थापित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इच्छाशक्ति की कमी के कारण ऐसे उत्पाद उपेक्षित रहे। प्रदेश के हर जनपद में एक विशिष्ट उत्पाद था, लेकिन तकनीक, डिजाइन और मार्केटिंग के अभाव में वे बंद होने की कगार पर थे। सरकार ने इन्हें जरूरी सुविधाएं दीं और आज उत्तर प्रदेश के पास देश का सबसे बड़ा एमएसएमई नेटवर्क है।

96 लाख एमएसएमई इकाइयां, पौने दो करोड़ परिवारों को रोजगार

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं, जिनसे करीब पौने दो करोड़ परिवारों की आजीविका चल रही है। एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से उत्तर प्रदेश आज ₹2 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात कर रहा है, जो प्रदेश की आर्थिक मजबूती का प्रमाण है।

निवेश में ऐतिहासिक उछाल, 5 लाख करोड़ की GBC जल्द

निवेश के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश ने बड़ी छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक प्रदेश को ₹45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से ₹15 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाएं जमीन पर उतर चुकी हैं।

इनसे 7 लाख से अधिक युवाओं को सीधा रोजगार मिला है। वहीं ₹5 लाख करोड़ की परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जहां युवा अब रोजगार के लिए भटकने को मजबूर नहीं है।

लखनऊ में ब्रह्मोस निर्माण, युवाओं को स्थानीय रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण अब लखनऊ में हो रहा है, जो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर की बड़ी उपलब्धि है। इस परियोजना में कार्यरत सभी युवा उत्तर प्रदेश के हैं। आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग पास युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार मिल रहा है।

योजनाओं में कभी चेहरा देखकर भेदभाव नहीं किया

वेलफेयर योजनाओं पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सरकार ने कभी चेहरा देखकर लाभ नहीं दिया। आवास, राशन, उज्ज्वला गैस, आयुष्मान कार्ड और मुख्यमंत्री राहत कोष जैसी योजनाएं बिना भेदभाव के लागू की गईं। उन्होंने कहा कि 403 विधानसभा क्षेत्रों में कोई भी इलाका विकास से वंचित नहीं रहेगा। सभी विभागों की नियमित समीक्षा होती है और योजनाओं की प्रगति की निगरानी सीधे शासन स्तर पर की जाती है।

पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला, कानून व्यवस्था की सराहना

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारों की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहीं। जेपीएनआईसी और गोमती रिवरफ्रंट इसके उदाहरण हैं, जबकि हमारी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट कम लागत और बेहतर गुणवत्ता के साथ पूरे किए। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में न दंगे हैं, न अराजकता। कानून का राज स्थापित हो चुका है और निवेशकों के लिए सुरक्षित वातावरण है।

किसानों, पुलिस और महिला सुरक्षा में बड़े सुधार

मुख्यमंत्री ने बताया कि गन्ना किसानों को अब तक ₹2.92 लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम, फॉरेंसिक लैब्स, साइबर थानों का विस्तार और महिला पीएसी बटालियन की स्थापना से कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। आज उत्तर प्रदेश में अपराधियों के लिए सख्त चेतावनी और नागरिकों के लिए सुरक्षा की गारंटी है।

जरूरतों को देखते हुए लाया गया अनुपूरक बजट

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नई योजनाओं या अतिरिक्त आवश्यकताओं के लिए नियमित बजट में प्रावधान पर्याप्त नहीं होता, तब अनुपूरक बजट लाना जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए मूल बजट ₹8,08,736 करोड़ था, जबकि ₹24,496.98 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया है। इस तरह कुल बजट ₹8,33,233.04 करोड़ हो गया है, जिसमें एक्सप्रेसवे, ऊर्जा, स्वास्थ्य, नगरीय सुविधाएं, तकनीकी शिक्षा और महिला सशक्तिकरण शामिल हैं।

निवेशकों के लिए यूपी बना ड्रीम डेस्टिनेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन चुका है। डबल इंजन सरकार की स्पष्ट नीति, तेज निर्णय और प्रभावी क्रियान्वयन के कारण यूपी बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन गया है। प्रदेश में अब 35 सेक्टोरल पॉलिसीज़ हैं और पारदर्शी व्यवस्था के चलते निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

फियरलेस बिजनेस और मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर यूपी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीरो टॉलरेंस नीति के कारण आज यूपी में फियरलेस बिजनेस और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की संस्कृति विकसित हुई है। प्रदेश की जीएसडीपी ₹12.88 लाख करोड़ से बढ़कर ₹35-36 लाख करोड़ तक पहुंच रही है। प्रति व्यक्ति आय ₹43,000 से बढ़कर करीब ₹1.20 लाख हो चुकी है। सीडी रेशियो 44 प्रतिशत से बढ़कर 62-65 प्रतिशत हुआ है और इसे 70 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया और डीजल-पेट्रोल आज यूपी में सबसे सस्ते हैं।