क्या आप जानते हैं किसने भगवान राम के लिए चार्टर्ड प्लेन से भेजे 1000 कैरेट हीरे, सोने-चांदी के मुकुट और धनुष-बाण? अयोध्या के राम दरबार में आज हुआ भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह, जहां सामने आई एक अद्भुत और रहस्यमयी भक्ति की कहानी!
Ram Darbar Pran Pratishtha: अयोध्या के भव्य राम मंदिर के प्रथम तल पर आज अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से संपन्न हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा-अर्चना कर इस दिव्य आयोजन का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक चला।
हीरे, सोना और चांदी से बने राम दरबार के आभूषण
राम दरबार के लिए आभूषणों का दान सूरत के हीरा कारोबारी मुकेश पटेल द्वारा किया गया है। उन्होंने जो आभूषण भेंट किए उनमें शामिल हैं:
- 1000 कैरेट हीरा
- 300 कैरेट रूबी
- 30 किलो चांदी
- 300 ग्राम सोना
11 मुकुट, तिलक, धनुष-बाण: हर प्रतीक में दिव्यता
राम दरबार के लिए कुल 11 मुकुट बनाए गए हैं। गले के हार, कानों के कुंडल, माथे के तिलक, और चार भाइयों के लिए धनुष-बाण भी तैयार किए गए। तीन गदा और चांवर भी इस शाही दरबार की शोभा बढ़ा रहे हैं।
चार्टर्ड प्लेन से आया आभूषणों का खजाना
ये सारे आभूषण चार्टर्ड विमान के जरिए सूरत से अयोध्या लाए गए। सरकार के सहयोग से ये भेंट आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपे गए। इसमें 11 मुकुट, हार, कुंडल, तिलक, चार बड़े और तीन छोटे धनुष, तुणीर, गदा और चंवर शामिल हैं।
रामलला के ऊपर प्रथम तल पर विराजे श्रीराम परिवार
प्रथम तल पर बनाए गए राम दरबार में भगवान श्रीराम, मां सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। यह स्थल गर्भगृह के ठीक ऊपर स्थित है, जिससे अब श्रद्धालुओं को दर्शन का एक और पवित्र अनुभव मिलेगा।
350 विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी, संतों का समागम
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर से आए साधु-संतों सहित कुल 350 अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी इस विशेष अवसर के साक्षी बने।
7 अन्य उप मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा
राम दरबार के साथ-साथ राम मंदिर परिसर के 7 उप मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिनमें शामिल हैं:
- ईशान कोण: शिवलिंग
- आग्नेय कोण: श्री गणेश
- दक्षिणी भुजा: हनुमानजी
- नैऋत्य कोण: सूर्य देव
- वायव्य कोण: मां भगवती
- उत्तरी भुजा: माता अन्नपूर्णा
- सप्त मंडपम: महर्षि वाल्मीकि और महर्षि विश्वामित्र
498 दिन पहले हुई थी रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा
ज्ञात हो कि इससे पहले 22 जनवरी 2024 को रामलला की गर्भगृह में भव्य प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। उस दौरान भी मुकेश पटेल द्वारा दान किए गए मुकुट को रामलला ने धारण किया था।
अयोध्या में फिर गूंजे श्रीराम के जयकारे
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में एक बार फिर भक्ति और आस्था की लहर दौड़ गई है। श्रीराम जन्मभूमि पर दिव्यता और शक्ति का अनुभव हर भक्त के हृदय को छू रहा है।